अब बिहार के स्कूलों में होगी ऑनलाइन अटेंडेंस, ACS एस सिद्धार्थ ने दिया बड़ा निर्देश
ACS S Siddhart : शिक्षा विभाग ने इस नई प्रणाली को लागू करने के लिए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है. अब प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थिति के आंकड़े नहीं मांगे जाएंगे, जिससे शिक्षकों और अधिकारियों का समय बचेगा और प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी.
पटना: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने स्कूलों में अटेंडेंस बनाने के लिए नई तकनीक आधारित व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया है. अब स्कूलों में ई शिक्षा कोष मोबाइल ऐप के जरिए उपस्थिति दर्ज की जाएगी. इस नए निर्देश के तहत एचएम, शिक्षक और छात्रों को ई शिक्षा कोष ऐप का इस्तेमाल करना होगा. एप्लिकेशन को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा, जहां शिक्षक अपनी उपस्थिति स्वयं दर्ज कर सकेंगे. इस ऐप में दो बटन होंगे, एक 'स्कूल इन' और दूसरा 'स्कूल आउट'. शिक्षक अपनी उपस्थिति को इन बटनों का उपयोग करके दर्ज करेंगे. इसके लिए सभी स्कूलों को टैबलेट और कंप्यूटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
शिक्षा विभाग ने इस नई प्रणाली को लागू करने के लिए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है. अब प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थिति के आंकड़े नहीं मांगे जाएंगे, जिससे शिक्षकों और अधिकारियों का समय बचेगा और प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी. इस नई व्यवस्था से छात्रों और शिक्षकों दोनों की उपस्थिति पर निगरानी रखना आसान होगा. जबसे एसीएस एस सिद्धार्थ ने पदभार संभाला है, तबसे वे लगातार शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए नए-नए निर्देश जारी कर रहे हैं. इस नई पहल से शिक्षा विभाग को उपस्थिति संबंधी आंकड़े सही और समय पर मिल सकेंगे, जिससे प्रशासनिक कार्यों में भी सुधार होगा.
ई शिक्षा कोष ऐप के जरिए उपस्थिति दर्ज करने की यह पहल बिहार के शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव है. इससे शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ेगी और छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित हो सकेगी. शिक्षकों के लिए भी यह प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक होगी, जिससे वे अपनी शिक्षण गतिविधियों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे. कुल मिलाकर बिहार शिक्षा विभाग की इस नई तकनीक आधारित उपस्थिति प्रणाली से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और प्रशासनिक कार्यों में भी सुविधा होगी. यह कदम छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए लाभदायक साबित होगा, जिससे शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आएंगे.
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