BPSC Headmaster Result: 6421 हेडमास्टर पद के लिए आयोजित परीक्षा में सिर्फ 421 शिक्षक ही रहे सफल
फरवरी में शिक्षा विभाग हेड मास्टर की रिक्तियों की संघ लोक सेवा आयोग को भेजी थी. इसके बाद 31 मई को लिखित परीक्षा का आयोजन हुआ. आज परीक्षा के परिणाम की घोषणा की गई. इस परीक्षा में 13 हजार 55 अभ्यर्थी शामिल हुए थे.
पटना : BPSC Headmaster Result: बिहार लोक सेवा आयोग ने 66वीं संयुक्त परीक्षा के परिणाम की घोषणा की थी. आज आज लोक सेवा आयोग ने उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हेड मास्टर पर आयोजित परीक्षा के परिणाम की घोषणा कर दी. 6421 पदों के लिए यह परीक्षा लोक सेवा आयोग ने आयोजित की थी लेकिन इस परीक्षा में सिर्फ 421 उम्मीदवार सफल रहे .
13 हजार 55 में से 421 उम्मीदवार हुए सफल
इसी साल फरवरी में शिक्षा विभाग हेड मास्टर की रिक्तियों की संघ लोक सेवा आयोग को भेजी थी. इसके बाद 31 मई को लिखित परीक्षा का आयोजन हुआ. आज परीक्षा के परिणाम की घोषणा की गई. इस परीक्षा में 13 हजार 55 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. सभी किसी न किसी स्कूल में शिक्षक थे. लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 13000 से ज्यादा शिक्षकों में से केवल 421 उम्मीदवार सफल रहे.
टॉप-10 में 9 पुरूष और एक महिला अभ्यर्थी
यह सभी सफल अभ्यर्थी किसी ना किसी सरकारी स्कूलों में नियोजित शिक्षक के रूप में काम कर रहे थे. इनके पास 8 से 10 साल का पढ़ाने का अनुभव था . लोक सेवा आयोग की परीक्षा में यह शिक्षक असफल रहे. सफल अभ्यर्थियों में बाल्मीकि प्रसाद ने प्रथम स्थान हासिल किया है. टॉप-10 में 9 पुरूष और एक महिला अभ्यर्थी हैं.
बिहार लोक सेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं परिणाम
सफल अभ्यर्थी बिहार लोक सेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bih.nic.in पर जाकर परिणाम देख सकते हैं. वहीं, EWS कैटेगरी में सुनील कुमार सिंह ने प्रथम स्थान हासिल किया है जबकि ओवरऑल उनकी रैंकिंग 232 है. पिछड़ा वर्ग में मनीष कुमार ने प्रथम स्थान हासिल किया है जबकि ओवरऑल उनकी रैंकिंग 325 है.
बिहार में नियोजित शिक्षकों के ऊपर कई तरह के सवाल सालों से उठ रहे हैं. जिस तरह से यह शिक्षक लोक सेवा आयोग की परीक्षा में असफल रहे उससे कहीं न कहीं इन की शैक्षणिक योग्यता पर भी सवाल खड़ा होता है. उच्च माध्यमिक विद्यालयों में यह सफल शिक्षक हेड मास्टर बनेंगे. अनुमान के मुताबिक साल 2030 तक सभी स्थाई शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाएंगे. ऐसे में हेडमास्टर जैसे पद के लिए पढ़े लिखे और योग्य शिक्षकों की सरकार को जरूरत थी.
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