पटना: बीपीएससी द्वारा ली गयी शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक दिन पहले ही प्रश्न पत्र लीक हो गया था. जिसके बाद आर्थिक अपराध इकाई की जांच में कई सनसनीखेज खुलासा हुआ है. एक तरफ इस मामले में जांच चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने परीक्षा रद्द करने की मांग के साथ सरकार पर निशाना साध रही है. वहीं सत्ता पक्ष विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए उन्हें सुशासन का पाठ पढ़ा रही है. शुक्रवार को बीपीएससी द्वारा शिक्षक बहाली के लिए प्रतियोगी परीक्षा ली गयी लेकिन एक दिन पहले ही प्रश्न पत्र लीक हो गए थे. इस बात की गुप्त सूचना आर्थिक अपराध इकाई को दो दिन पहले ही मिली थी कि सॉल्वर गैंग सक्रिय है और इओयू ने इसके लिए विशेष टीम का गठन कर ली थी.


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इओयू की विशेष टीम पटना के करबिगहिये में एक अभ्यर्थी को पकड़ा और इससे पूछताछ में तार हजारीबाग तक जा पहुंचा. हजारीबाग में 270 अभ्यर्थी और संगठित गिरोह के सदस्य पकड़े गए. अभ्यर्थियों को परीक्षा से एक दिन पहले ही प्रश्न पत्र पेन ड्राइव में मुहैया करा दिया गया था और उन्हें इसके अनुसार तैयारी करवाई जा रही थी. इस मामले को लेकर अब राजनीति शुरू हो गयी है. कांग्रेस और आरजेडी ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उनके समय में रिकॉर्ड समय में रिकॉर्ड नौकरी दी गयी लेकिन सब ठीक था जबकि सरकार में बदलाव होने के साथ ही इस तरह के खेल शुरू हो गए हैं.


विपक्ष के इस सवाल पर सत्तापक्ष की ओर से बीजेपी और जेडीयू ने मोर्चा खोलते हुए विपक्ष को कटघड़े में खड़ा किया और कहा कि उनके समय में नौकरी के बदले जमीन मामला चलता था. इस सरकार में सबकुछ नियमानुकूल है और यदि कही गड़बड़ी हुई है तो जांच पड़ताल करके कार्यवाई की जाएगी. एक ओर जांच पड़ताल जारी है वही दूसरी ओर राजनीती भी इस मुद्दे पर चरम पर है और मेधा वाले अभ्यर्थी परीक्षा को लेकर संसय में हैं और अपने भविष्य को लेकर भी.


इनपुट- रजनीश


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