पटना : पटना AIIMS कोरोना को लेकर शुरुआती दिनों से रिसर्च कर रहा है. हाल ही में  AIIMS के एक्सपर्ट ने 30 मरीजों पर रिसर्च की है. उन्होंने अपनी रिसर्च में पाया कि कोरोना के बाद  20 साल के युवकों का शरीर बूढ़ों की तरह काम कर रहा है. जो समस्या एक समय आने पर बुजुर्गों के अपनी उम्र में देखने को मिलती है अब वो समस्या युवाओं को देखनी पड़ रही है. रिपोर्ट के अनुसार कोरोना से संक्रमित युवाओं में स्पर्म काउंट और क्वालिटी प्रभावित हुई है. एक्सपर्ट की मानें तो लोगों को बच्चे पैदा करने में परेशानियां हो रही है.


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AIIMS के एक्सपर्ट ने अपनी रिपोर्ट में किया खुलासा
बता दें कि पटना AIIMS के एक्सपर्ट ने कोरोना प्रभावित 30 लोगों पर की गई स्टडी में 19 साल से लेकर 43 साल के पुरुषों को शामिल किया गया था. अक्टूबर 2020 से लेकर अप्रैल 2021 तक दो बार सीमन की सैंपलिंग की गई. जांच के दौरान तीन प्रमुख चीजों पर फोकस किया गया, जिसमें स्पर्म की संख्या, स्पर्म के आकार और उसकी गति शामिल थी. सभी सेंपल की रिपोर्ट एक ही समान थी. साथ ही बता दें  कि क्यूरियस जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस में प्रकाशित हुई रिपोर्ट के मुताबिक स्टडी में बताया गया है कि पहले सीमन सैंपलिंग में स्टडी में हिस्सा लेने वाले 30 पुरुषों मे से 26 पुरुषों के सीमन की थिकनेस पाया गया है. इसके अलावा 29 में स्पर्म काउंट की कमी पाई गई, जबकि 22 पुरुषों का स्पर्म मूवमेंट पूरी तरह से प्रभावित था. इसके अलावा दूसरी जांच में स्थिति में थोड़ा सुधार आया. एक्सपर्ट का कहना है कि दूसरी जांच में भले ही स्थिति में थोड़ा सुधार आया है, लेकिन पैरामीटर में यह अभी भी सामान्य से काफी कम रहा है.


एक्सपर्ट ने युवाओं का किया अलर्ट
बता दें कि  स्टडी के हेड डॉ सतीश पी दीपांकर ने अध्ययन के बाद सुझाव दिया है कि सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) क्लीनिकों और स्पर्म बैंकों को कोविड 19 से पीड़ित रह चुके पुरुषों के सीमन का आकलन किया जाना चाहिए. उनका यह भी सुझाव है कि यह रिसर्च तब तक जारी रखना चाहिए जब तक कि सीमन की क्वालिटी सही यानी सामान्य नहीं हो जाती है. इंदिरा आईवीएफ के बिहार हेड डॉ. दयानिधि बताते हैं कि पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर कोरोना के बाद प्रभाव देखने को मिल रहा है. पुरुषों की प्रजनन क्षमता में काफी कमी आई है.


युवाओं में क्वालिटी खराब होना का है संकेत
बता दें कि पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के चर्म व यौन रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास शंकर के अनुसार सीमन की क्वालिटी खराब होने का अच्छा संकेत नहीं है. अगर ऐसे मामले आ रहे हैं तो स्टडी के बाद इस दिशा में बड़े स्तर पर काम करना होगा. अगर समय रहते हुए सभी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो जल्द ही संतान पैदा करने की शक्ति क्षीण हो सकती है.


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