Patna: राजधानी पटना के ज्यादातर मोहल्लों में PCC सड़कों का निर्माण हुआ है. इन सड़कों का निर्माण बिटूमेन की जगह इन सड़कों का निर्माण सीमेंट, गिट्टी और बालू से किया जाता है और माना जाता है कि ये सड़कें बेहद मजबूत और टिकाऊ होती हैं. जब भी मॉनसून आता है या बारिश होती है ये सड़कें जी का जंजाल बन जाती हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, घटिया निर्माण की वजह से ज्यादातर सड़कें अपने नियत समय से पहले ही जर्जर हो जाती हैं. सीमेंट का लेयर गायब हो जाता है और दिखाई सिर्फ गिट्टी देता है और धीरे-धीरे ये सड़के गड्ढों का शक्ल इख्तियार कर लेती हैं. लिहाजा थोड़ी सी बरसात में भी इन सड़कों पर जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. गड्ढों की वजह से इन सड़कों पर वाहन चलाना भी मुश्किल होता है.
 
घटिया निर्माण सामग्री की वजह से जल्दी टूटती हैं सड़कें
दरअसल, पीसीसी सड़कों के निर्माण को लेकर जो मानक तय किए गए हैं उसके अनुसार इन सड़कों का निर्माण नहीं किया जाता है. जिस मात्रा में सीमेंट,बालू और गिट्टी का इस्तेमाल होना चाहिए उसमें बेहद कोताही की जाती है. 
 
इसके अलावा, सड़क निर्माण से पहले इंजीनियरों की टीम मुआयना करती है तब जाकर सड़क निर्माण को मंजूरी मिलती है, लेकिन ज्यादातर मामलों में सड़कों का मुआयना कागजों पर ही कर दिया जाता है. इसके अलावा सड़क की मजबूती के लिए बॉर्डरिंग और फूटपाथ का भी प्रावधान है लेकिन इन तमाम बातों को ठेकेदार अनदेखी करता है.
 
क्या है पीसीसी सड़क बनाने के नियम
सड़क निर्माण से पहले नियम है कि पुरानी सड़क को पूरी तरह से स्क्रैपिंग की जाए उसके बाद बेडमिशाइल बिछाने का प्रावधान है. नियमों के अनुसार 100 फीट पीसीसी सड़क के निर्माण के लिए 80 बोरा सीमेंट डाला जाए और इसी अनुपात में लाल बालू और गिट्टी का उपयोग किया जाएगा लेकिन ठेकेदार सीमेंट में भारी घपलेबाजी करते हैं.


ये भी पढ़ें- Weather News: बिहार के इन जिलों में भारी वज्रपात के साथ बारिश का अलर्ट, विभाग ने लोगों को किया सावधान


नियमों के अनुसार निर्माण कार्य शुरू होने से पहले और निर्माण कार्य के दौरान जेई का निर्माण स्थल पर रहना अनिवार्य होता है लेकिन ज्यादातर निर्माण में जेई सिर्फ कागजों पर मौजूद रहते हैं. इन्हीं लापरवाहियों की वजह से पीसीसी सड़कों के निर्माण पर सवाल उठते हैं.
 
कई परियोजनाओं की वजह से भी टूट रही हैं सड़कें
पटना में इस वक्त कई प्रोजेक्ट जैसे नमामी गंगे प्रोजेक्ट, गैस पाइप लाइन योजना, मेट्रो और नाली के कई प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है लेकिन डिपार्टमेंट्स में आपसी तालमेल की कमी  की वजह से जो सड़क खोद दी गई है. 


उसे वैसे ही छोड़ दिया गया है कई सड़कों पर बालू और सीमेंट यूं ही छोड़ देने की वजह से भी सड़कें समय से पहले खराब हो रही हैं. वहीं निगम के लाख अपील के बाद भी लोग सड़क पर ही भवन निर्माण की सामग्री रखते हैं, ढलाई के लिए सड़क परक ही मीक्सिंग की जाती है  जिसकी वजह से सड़क खराब हो रही है.