पटना : बिहार में 12 सितंबर से मकान बनाने के लिए लोगों को ईंट मिलना मुश्किल होगा. दरअसल, पटना ईंट निर्माता संघ 12 सितंबर से कामकाज बंद कर अपना विरोध जतायेगा.  संघ से जुडे सभी ईंट निर्माता 12 से 17 सितंबर तक कही भी ईंट की खरीद, बिक्री और निर्माण कार्य नहीं होगा. संघ की मांग है कि सरकार जीएसटी में बढ़ोतरी को कम करें. इसके अलावा कोयला की समस्या और कई दूसरी मांगों के समर्थन में ये धरना प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन कोई निदान नहीं निकलने के बाद अब ईंट की खरीद बिक्री बंद करने को मजबूर हो गए हैं.


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क्या है पूरा मामला
बता दें कि पटना ईंट निर्माता संघ पिछले कई दिनों से अपनी मांग के समर्थन में जोरदार तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहा है. इस धरना प्रदर्शन का आयोजन अखिल भारतीय ईंट निर्माता संघ और बिहार ईंट निर्माता संघ के आह्वान पर किया गया. इनकी मांग है कि जीएसटी में बढ़ोतरी वापस लिया जाए. इसके अलावा कोयला के अप्रत्यासित मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाया जाए और ईंट का सरकारी दर में बढ़ोतरी की जाए. सरकारी कार्यों में लाल ईंट का प्रतिबंध खत्म किया जाए और जल प्लावित मोईन या तालाब, नहर और नदियों के गाद की निकासी के लिए ईंट निर्माताओं को मिटटी उपलब्ध कराया जाए.


शिकायत के बाद भी प्रशासन नहीं देता ध्यान
बिहार ईंट निर्माता संघ प्रदेश महासचिव संजय कुमार ने बताया कि धरना प्रदर्शन के बावजूद इनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया है. ईंट निर्माता संघ 12 सितंबर से 17 सितंबर तक ईंट निर्माण से जुड़े सभी काम काज को बंद कर रही है. साथ ही सोमवार से ईंटों की खरदी बिक्री भी बंद कर दी जाएगी. वहीं बिहार ईंट निर्माता संघ के सदस्य विजय कुमार शर्मा ने कहा कि यह व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्र का एकमात्र कुटीर उद्योग है जो गरीबों और अशिक्षितों को भी रोजगार मुहैया करता है. एक ईंट भट्ठा से पांच सौ लोगों की जीविका चलती है, लेकिन इस पर सरकार का ध्यान नहीं है जिससे स्थिति गंभीर होती जा रही है. लिहाजा मजबूर होकर सोमवार से ईंट की खरीद बिक्री 17 सितंबर तक रोक कर अपने मांग के समर्थन में विरोध जताया जा रहा है.


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