Patna: कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्य में लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) लगा हुआ है. सरकार अपने स्तर पर कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए लगातार तैयारी कर रही है. इसके बावजूद कई अस्पतालों के बाहर व पटना के सड़कों पर पीपीई किट (PPE Kit) खुले में फेंका हुआ दिख जा रहा है. 


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यही वजह है कि आज पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने मंगलवार को पीपीई किट डिस्पोजल के संबंध में पटना नगर निगम से जवाब तलब किया है. आज पटना हाईकोर्ट में एक बार फिर से कोरोना महामारी पर सुनवाई हुई.


इस दौरान चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने पीएमसीएच अस्पताल को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. दरअसल, पीएमसीएच में ऑक्सीजन की कुछ समस्या बताई गई थी. हालांकि, इस मामले में कोर्ट को सरकारी वकील ने यह भी बताया गया कि पीएमसीएच में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा. इस प्लांट से ऑक्सीजन का उत्पादन जून में प्रारम्भ हो जाएगा.


इसके अलावा, कोर्ट ने बिहटा के ईएसआईसी अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के संबंध में अगली सुनवाई में जानकारी देने का निर्देश दिया है. हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर अगली सुनवाई 20 मई को होगी.


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गौरतलब है कि पटना हाई कोर्ट बिहार सरकार के कोरोना से निपटने के तौर-तरीकों पर काफी शानदार निगरानी कर रही है. पिछले दिनों कोर्ट ने राज्य सरकार के पंचायती राज मंत्रालय से गांव-गांव स्तर पर पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों का आंकड़ा इकट्ठा करने का निर्देश दिया.


कोर्ट ने कहा कि इससे सरकार को कोरोना की वजह से राज्य में होने वाली मौत का सही आंकड़ा इकट्ठा करने में मदद मिलेगा. यही नहीं लॉकडाउन से पूर्व भी हाई कोर्ट ने सरकार को कहा था कि राज्य सरकार या तो प्रदेश में लॉकडाउन लगाए अन्यथा कोर्ट को कोई फैसला लेना होगा. इसके बाद ही सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की थी.