पटना: बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो का काम काफी तेजी से चल रहा है. ऐसी संभावना जताई जा रही है मई 2025 तक पटना में मेट्रो का परिचालन शुरू हो जाएगा. इस बीच मेट्रो के लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है कि पटना मेट्रो के कॉरीडोर-1 और कॉरिडोर-2 के विभिन्न रूटों की पहचान को कलर कोड की मदद से किया जाएगा. इसक लिए पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन इस योजना तैयार कर रहा है. मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली मेट्रो की तरह पटना में भी इंद्रधनुष के रंगों पर अलग-अलग रूटों का नामांकरण किया जाएगा. जिससे आम लोगों के साथ साथ अनपढ़ को भी पटना मेट्रो के अलग-अलग रूट को समझने में आसानी होगी.


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मेट्रो अधिकारियों की माने तो पटना मेट्रो का प्राथमिक कॉरिडोर रेड लाइन होगा. मेट्रो का रूट तैयार हो जाने के इसका आधिकारिक घोषणा कर दिया जाएगा. मिली जानकारी के अनुसार पटना मेट्रो के प्राथमिक कॉरिडोर में न्यू-पाटलिपुत्र बस टर्मिनल से खेमनीचक होते हुए मलाही पकड़ी तक के सात किलोमीटर में 5 स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है. खेमनीचक को इंटरचेंज स्टेशन बनाया जाएगा. इसी कारण न्यू-पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, जीरोमाइल, भूतनाथ और खेमनीचक तक के रूट को रेड लाइन से बनाया जा रहा है.


बता दें कि पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने हर कैटेगिरी के लोगों को ध्यान में रखते हुए सेवा देने की योजना बना रहा है. पटना मेट्रो के विभिन्न रूट को अलग-अलग रंगों से पहचान देने का मुख्य उद्देश्य इससे यात्रा करने वाले सभी तरह के यात्रियों को सुविधा प्रदान करना है. कलर कोड से अनपढ़ व्यक्ति को भी रूट समझने में आसानी होगी. जिससे यात्री अपनी लाइनों को आसानी से याद रख सकते हैं. प्राथमिक कॉरिडोर के अलावा दो अन्य कॉरिडोर में भी रंगो के आधार पर रूट की पहचान कराई जाएगी. ताकि भविष्य में अगर मेट्रो का विस्तार किया जाए तो रंगो के आधार पर उनका नामांकरण किया जा सके.


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