पटनाः Nikay Chunav: निकाय चुनावों को लेकर पटना हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है, बिहार सरकार ने उसे चुनौती देने का मन बना लिया है. इसके लिए सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट जाएगी. बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से इसके लिए सुप्रीमकोर्ट में अपील दायर की जाएगी. हाईकोर्ट ने  मंगलवार को अपने फैसले में कहा था कि जिन निकायों को OBC के लिए आरक्षित किया गया है, उन्हें सामान्य श्रेणी में बदलकर फिर से नोटिफिकेशन जारी किया जाए. इसके बाद निर्वाचन विभाग ने पहले से तय निकाय चुनाव को स्थगित कर दिया था. 


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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का नहीं हुआ पालन
कोर्ट के मुताबिक, बिहार सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछड़ों को आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है. हाईकोर्ट ने सबसे ज्यादा नाराजगी राज्य निर्वाचन आयोग पर जताई है. उच्च न्यायालय ने कहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग अपनी संवैधानिक जिम्मेवारी का पालन नहीं कर रहा है. इधर, कोर्ट के फैसले पर सियासत भी शुरू हो गई है. जदयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने हाईकोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और इसे बीजेपी की गहरी साजिश बताया है.


तत्काल प्रभाव से स्थगित हुए चुनाव
नगरीय निकाय चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ा कदम उठाया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने 10 और 20 अक्टूबर को होने वाले नगरीय निकाय चुनाव को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है. दूसरी डेट बाद में जारी की जाएगी. हाईकोर्ट के आदेश के बाद आयोग के अफसरों ने 8 घंटे बैठक की. इसके बाद यह निर्णय लिया. इसके पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के लिए 20% आरक्षित सीटों को जनरल कर नए सिरे से नोटिफिकेशन जारी करें. साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग से कहा गया कि वह मतदान की तारीख आगे बढ़ाना चाहे, तो बढ़ा सकता है.


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