पटनाः सूबे के सबसे बड़े अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अचानक काम काज ठप्प कर दिया और जबरन जूनियर डॉक्टरो ने ओपीडी को बंद करा दिया. जिसके कारण अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई. जहां इलाज कराने आए मरीजों गुस्सा फूटपड़ा और हंगामा शुरू कर दिया जिसके कारण मरीजों की स्थिति खराब होने लगी. लेकिन अबतक इसपर किसी तरह न तो विचार विमर्श किया गया ना ही मरीजों के परेशानी दूर की गई. हालांकि पीएमसीएच प्राचार्य विद्यापति चौधरी ने घटना को संज्ञान में लिया और मरीजों को किसी तरह समस्या नहीं होने का आश्वासन देते हुए सीनियर डॉक्टरों की ओर से इलाज का भरोसा दिलाया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गुरुवार सुबह 4 बजे की है घटना
आपको बता दें घटना गुरुवार सुबह चार बजे की है जहां टाटा वार्ड में तीन दिनो ब्रेन हेमरेज से पीड़ित 55 वर्षीय युवक की मौत हो गई जिसके कारण परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. जिसके कारण डॉक्टरों ने कामकाज ठप कर दिया. इसके बाद अधीक्षक को एक पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी. पीड़ित मरीज गंभीर अवस्था में इलाज किया जा रहा था, लेकिन उनकी मौत होने पर डॉक्टर पर ही लापरवाही का आरोप लगा दिया. असामाजिक तत्वों के साथ हथियार के बल पर डॉक्टरों के साथ मारपीट की गई. इसलिए इस स्थिति में डॉक्टर काम नहीं कर सकते है इसके जबतक हमारी मांग पूरी नहीं होगी तबतक कार्य का बहिष्कार रहेगा.


कार्य बहिष्कार के कारण बढ़ी समस्याएं
वहीं, कार्य बहिष्कार के कारण मरीजों की समस्या बढ़ने लगी और इसे लेकर परिजन हंगामा करना शुरू कर दिया. हालांकि पीड़ित परिजन को पीएमसीएच अधीक्षक ने आश्वस्त किया की OPD काउंटर खोल दिया है लेकिन आश्वासन के बावजूद भी काउंटर नही खुलने पर परिजनों ने जमकर बबाल काटा. लेकिन पीएमसीएच अधीक्षक की आंख तक नहीं खुली जिसके कारण दर्जनों ऑपरेशन टल गए. मरीजों का इलाज नहीं हो पाया. कार्य बहिष्कार का 12 घंटे से अधिक हो गया है, लेकिन अबतक न तो जूनियर डॉक्टर काम पर लौट पाए और नाही मरीजों का इलाज शुरू हो पाया. अब सवाल यह है की कल तक डॉक्टरों की मांग पूरी नहीं होती है तो कैसे pmch के opd काउंटर खुलेंगे और कैसे मरीजों का इलाज हो पाएगा. 


यह भी पढ़िएः Nitish Kumar को अगर दिल्ली जीतना है तो बिहार की बागडोर किसी और के हाथ में देनी होगी