Patna: सिस्टम चाहे लाख दावा कर ले पर हकीकत कुछ और ही बयां करता है. जहां एक तरफ कोरोना संक्रमण से हॉस्पिटल भर रहे हैं, तो दूसरी तरफ मौत के सौदागर मरीज के परिजनों से रुपयों की लूट मचाने में लगे हैं. 
ये लूट देखने को मिल रही है बिहार के सबसे बड़े कोविड हॉस्पिटल एनएमसीएच (NMCH) में. यहां कागजों पर सुविधाएं तो बहाल कर दी गई हैं, लेकिन मरीज के इलाज के लिए नहीं, सिर्फ शव गिनने के लिए. 


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जानकारी के अनुसार, आधे दर्जन मरीज के परिजनों ने डॉक्टरों पर सीधा आरोप लगाया कि मरीज को सिर्फ भर्ती कर दिया जाता है. भर्ती के बाद ना कोई डॉक्टर मरीज को देखने आते हैं और ना हीं कोई नर्स. वहीं, विधानसभा में कार्यरत मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया की सरकारी आदमी का इलाज नहीं किया गया. ऑक्सीजन नहीं होने के कारण पिता की जान चली गई. लेकिन एक भी डॉक्टर देखने नहीं आया. जबकि जाप संयोजक पप्पू यादव ने एक ऑक्सीजन सिलेंडर तक भेज दिया. लेकिन तब तक पिता की मृत्यु हो चुकी थी. ये कैसी व्यवस्था है जब इलाज के अभाव में मरीज की मौत हो जाए. 


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वहीं, रोती महिला ने बताया कि मरीज कि बेचैनी बढ़ती जा रही थी. जब भी डॉक्टर को खोजने जाती तो एक भी डॉक्टर नहीं दिखता और नहीं नर्स. आखिरकार मरीज की सांसें बंद हो गई. हंगामा के बाद हॉस्पिटल में ऑक्सीजन तो आ गया लेकिन ऑक्सीजन मरीज के बेड पर ले जाने वाला कोई कर्मी नहीं था. लोग खुद से ऑक्सीजन अपने मरीज तक पहुंचाते तो थे. लेकिन डॉक्टर के नहीं रहने के कारण मरीज की मौत हो जा रही है. यही, नहीं अस्पताल के वार्ड व्बॉय ने रुपयों का सौदा कर आई सी यू में भर्ती करने के नाम पर 4 हजार रुपये ऐंठ लिए और रुपये लेने के बाबजूद उन्हें आई सी यू में बेड मुहैया भी नहीं कराया और महिला मरीज की मौत हो गई. 


घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे जाप संयोजक पप्पू यादव ने सीधा सरकार के व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि कहां है सिस्टम. इस सिस्टम के भरोसे सरकार ने कोविड हॉस्पिटल बनवाया था. जहां ऑक्सीजन नहीं. जहां डॉक्टर देखने तक नहीं आते. वार्ड व्बॉय मरीज के परिजनों से पैसा लेकर इंजेक्शन देता है. ये कैसी व्यवस्था है. सरकार की इसपर सरकार को जबाब देना होगा. 


बताते चलें कि बीते दो दिन पहले ही महिला मरीज की मौत के बाद हंगामा हुआ था जिसके बाद डॉक्टरो ने हड़ताल कर दिया था. साथ ही इलाज के अभाव में कई मरीजो की मौत हो गई. इस घटना के बाद डीएम एसपी को आना पड़ा. और डॉक्टरो की मांग को देखते हुए अस्पताल में सुरक्षा व्यस्वस्था बहाल करा दिया. ताकि हड़ताल समाप्त हो सके. बाद में सुरक्षा व्यवस्था भी बहाल हो गई. हड़ताल भी समाप्त ही गया. लेकिन फिर से ऐसी लापारवाही से सवाल खड़े हो गए हैं.