NIRF रैंकिंग के लिए पटना विश्वविद्यालय ने नहीं किया आवेदन, जानिए क्या है बिहार के शिक्षण संस्थानों का हाल
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय हर साल शैक्षणिक जगत से जुड़ी रिपोर्ट सार्वजनिक करती है. इसे एआईआरएफ कहा जाता है. एनआईआरएफ की कैटेगरी में 11 तरह की पढ़ाई वाले शैक्षणिक संस्थान आते हैं. ये कैटेगरी वाले संस्थान है ओवरऑल यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फॉर्मेसी, कॉलेज, मेडिकल,लॉ, आर्किटेक्चर, डेंटल और रिसर्च. पांच मापदंडों के आधार पर एनआईआरएफ अपनी रैंकिंग में संस्थानों को जगह देता है.
पटनाः Education in Bihar: पिछली बार की तरह इस बार भी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क यानि एनआईआरएफ की रिपोर्ट जारी की, जिसमें बिहार को काफी निराशा और मायूसी हाथ लगी. आश्चर्य होगा कि,एआईआरएफ की रैंकिंग में टॉप 100 संस्थानों में बिहार के कोई भी विश्वविद्यालय या कॉलेज जगह नहीं बना सके. यहां तक कि ईस्ट का आक्सफोर्ड कहे जाने वाली पटना यूनिवर्सिटी ने तो एआईआरएफ के लिए अप्लाई ही नहीं किया था. जब पटना यूनिवर्सिटी जैसे अहम संस्थान ने एआईआऱएफ के लिए आवेदन नहीं दिया तो दूसरी यूनिवर्सिटी का क्या हाल होगा. हालांकि पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर गिरिश कुमार चौधरी ने अगले साल एआईआरएफ में आवेदन की बात कह रहे हैं. वहीं पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर आर के सिंह ने कहा कि, अगले सत्र से कॉलेज और खुद उनकी यूनिवर्सिटी इसके लिए पहल करेगी.
इस मापदंड पर जारी होती है रैंकिंग
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय हर साल शैक्षणिक जगत से जुड़ी रिपोर्ट सार्वजनिक करती है. इसे एआईआरएफ कहा जाता है. एनआईआरएफ की कैटेगरी में 11 तरह की पढ़ाई वाले शैक्षणिक संस्थान आते हैं. ये कैटेगरी वाले संस्थान है ओवरऑल यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फॉर्मेसी, कॉलेज, मेडिकल,लॉ, आर्किटेक्चर, डेंटल और रिसर्च. पांच मापदंडों के आधार पर एनआईआरएफ अपनी रैंकिंग में संस्थानों को जगह देता है. ये मापदंड हैं, टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेज, रिसर्स एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस, ग्रेजुएशन आउटकम्स,आउटरीच एंड इनक्लूसिविटी और पीर परसेप्शन.
शिक्षा मंत्री ने दिलाया है बेहतरी का भरोसा
इस बार जब एनआईआरएफ की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के मात्र दो संस्थान जगह बनाने में कामयाब रहे हैं. टॉप 100 में बिहार से शामिल दो संस्थान IIT, पटना और NIT, पटना शामिल हैं. ओवरऑल रैंकिंग में जगह बनाने वाले बिहार के एकमात्र संस्थान IIT, पटना को 59वां स्थान मिला है. जबकि इंजीनियरिंग की कैटेगरी में IIT पटना को 33वां स्थान और NIT पटना को 63वां स्थान मिला है. यानि स्थिति पहले से खराब हुई है. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी बड़ी साफगोई से इस बात को स्वीकार करते हैं.उन्होंने बेहतरी का भरोसा दिलाया है और कहा कि शैक्षणिक संस्थान खुद आत्मचिंतन करें. एनआईटी हो या आईआईटी ये सभी केंद्रीय संस्थान हैं और इनकी भी स्थिति बेहतर नहीं है.लेकिन ये देखना जरूरी होगा कि आखिर बिहार के परंपरागत विवि या कॉलेज एनआईआरएफ के लिए आवेदन क्यों नहीं करते हैं.
रिपोर्ट: प्रीतम कुमार, ज़ी मीडिया, पटना