पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग गश्त प्रणाली की शुरुआत करते हुए उच्च तकनीक वाले वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस प्रणाली का उद्देश्य राज्य में सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाना है. पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 23 नए हाईटेक वाहनों को हरी झंडी दिखाई, जिनका इस्तेमाल राज्य में पहली बार राष्ट्रीय राजमार्गों पर गश्त के लिए किया जाएगा. इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने 94 नए वाहनों को भी हरी झंडी दिखाई, जिनका उपयोग राज्य के ट्रैफिक थानों और मानव तस्करी रोधी इकाई (एएचटीयू) के कर्मी करेंगे.


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बिहार पुलिस (यातायात) के अपर महानिदेशक (एडीजी) सुधांशु कुमार ने शुक्रवार को बताया कि, ‘ राज्य सरकार ने पहली बार राष्ट्रीय राजमार्गों पर गश्त के लिए उच्च तकनीक वाले उपकरणों से लैस 23 नए वाहनों की तैनाती की है. प्रारंभ में इसे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 28, 30, 31, 57 पर तैनात किया जाएगा. इसके तहत राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 1,125 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. बाद में ट्रैफिक पुलिस दूसरे चरण में 38 और अंतिम चरण में 54 ऐसे वाहनों को तैनात करेगी.’’ राज्य में जिन स्थानों पर राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में मौतें अधिक होती हैं, उनमें सारण, हाजीपुर, बख्तियारपुर, मोकामा, बेगुसराय, खगड़िया, बिहपुर, कटिहार, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, दरभंगा, सुपौल, नरहिया, नरपतगंज, फारबिसगंज, अररिया, झंझारपुर, पूर्णिया, जमुई, आदि शामिल हैं.


बिहार परिवहन विभाग की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 2021 की तुलना में 2022 में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में 16.13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. इससे पहले सड़क सुरक्षा को लेकर उच्चतम न्यायालय की एक समिति ने राज्य सरकार से सड़कों पर होने वाली मौतों को कम करने के लिए दुर्घटना संभावित इलाकों में राजमार्ग गश्त शुरू करने को कहा था.


इनपुट- भाषा


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