Patna: इन दिनों सदन में पेगासस (Pegasus) मुद्दे को लेकर विपक्ष केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमलावर है. संसद सत्र शुरू होते ही पहले दिन विपक्ष ने इस मामले में सरकार को जमकर घेरा. ऐसे में आम लोगों के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर पेगासस क्या है और यह किसी व्यक्ति के लिए कितना हानिकारक हो सकता है. इससे बचने का क्या तरीका है. साथ ही हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि पेगासस मुद्दे को लेकर सरकार पर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोप में कितना दम है. इस महत्वूर्ण मुद्दे के बारे में इन 10 पॉइंट में जानें सभी अहम बातें.


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1 सबसे पहले जानिए पैगासस है क्या?
पेगासस एक जासूसी सॉफ्टवेयर है. यह इजरायली कंपनी एनएसओ द्वारा सुरक्षा के ख्याल से तैयार किया गया है. पेगासस (Pegasus Software) एक बार लक्षित (Target) फोन या कंप्यूटर में इंस्टॉल होने के बाद डिलीट नहीं होता है. कोई भी री-सेटिंग या री-बूटिंग इस सॉफ्टेवयर को डिवाइस से मिटा नहीं सकती है.


2 पेगासस को लेकर क्यों मचा है हंगामा?
पेगासस को लेकर सदन में हंगामा मचा हुआ है. इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि विपक्षी दलों ने सदन का बहिष्कार सरकार पर यह आरोप लगाते हुए किया कि सरकार देश के 40 पत्रकार समेत केंद्र के दो मंत्री व कई विपक्षी नेताओं के फोन को जासूसी किया जा रहा था. इस आरोप के साथ ही विपक्ष के कई दलों ने संसद सत्र को बहिष्कार किया. 


3 रविशंकर प्रसाद ने इस मामले में विपक्ष को दिया जवाब
पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने इस मामले में प्रेस कांफ्रेंस कर विपक्ष के आरोप पर जवाब दिया है. विपक्ष को जवाब देते हुए रविशंकर ने कहा कि यह एक साजिश के तहत सदन को नहीं चलने के उद्धेश्य से किया गया है. विपक्ष हंगामा करने के लिए इन मुद्दों को उठा रही है.


4 वैश्विक मीडिया में हुए चौंकाने वाले खुलासे
पेगासस को लेकर वैश्विक मीडिया में चौंकाने वाले खुलासे के बाद भारत में विवाद खड़ा हो गया है और आरोप लग रहा है कि भारत सरकार इजराइली स्पाईवेयर पेगासस का उपयोग करके कैबिनेट मंत्रियों, राजनेताओं, सरकारी अधिकारियों, कार्यकर्ताओं, न्यायाधीशों, पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी कर रही थी. 


5 एनएसओ काउंटर टेरर टूल के तौर पर काम करता है
एनएसओ द्वारा तैयार यह वायरस मूल रूप से काउंटर टेरर टूल (counter terror tool) के रूप में काम करने के लिए तैयार किया गया था. इजरायली निगरानी कंपनी एनएसओ ग्रुप के पेगासस सॉफ्टवेयर ( Pegasus software) का उपयोग संभवतया लगभग 300 भारतीयों पर निगरानी करने के लिए किया गया था. इसमें दो कैबिनेट मंत्री, विपक्षी नेता और लगभग 40 पत्रकार शामिल थे.


6 साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि यह बेहद खतरनाक है
इस मामले पर साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि यह प्रवृत्ति लोकतंत्र के लिए खतरनाक है और किसी लोकतंत्र में इस तरह की जासूसी की अनुमति नहीं है.
 
7 न्क्रिप्टेड ऑडियो सुनने और एन्क्रिप्टेड संदेशों को पढ़ने में मदद करता है पेगासस
पेगासस एक स्पाइवेयर है जिसे इसराइली साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नॉलॉजीज़ ने बनाया है. ये एक ऐसा प्रोग्राम है जिसे अगर किसी स्मार्टफ़ोन फ़ोन में डाल दिया जाए, तो कोई हैकर उस स्मार्टफोन के माइक्रोफ़ोन, कैमरा, ऑडियो और टेक्सट मेसेज, ईमेल और लोकेशन तक की जानकारी हासिल कर सकता है. साइबर सुरक्षा कंपनी कैस्परस्काई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पेगासस आपको एन्क्रिप्टेड ऑडियो सुनने और एन्क्रिप्टेड संदेशों को पढ़ने लायक बना देता है.


8 क्या मुझे पता चल पाएगा कि मेरे मोबाइल में यह वायरस है या नहीं है?
इस सवाल को लेकर एक्सपर्ट का कहना है कि शायद यह पता करना मुश्किल है किसी आम लोगों के लिए कि उनके मोबाइल में पैगासस वायरस मौजूद है या नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि काफी ध्यान से कोई एक्सपर्ट ही अपनी जांच में इसके बारे में पता कर सकता है.


9. इससे बचने के लिए क्या करें क्या ना करें?
इस पेगासस वायरस से बचने के लिए आप दो तीन चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे मोबाइल को ऑटोमेटिक अपडेट सेंटिंग में कर सकते हैं. इसके अलावा, जहां संभव टू फैक्टर ऑथेनटिकेशन एक्टिव कर लें. किसी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें. आसान पासवर्ड न रखें.


10. क्या पेगासस के हमले को रोकने में कोई कंपनी सक्षम है?
पेगासस वायरस के हमले को रोकने के लिए गूगल व एप्पल जैसी कंपनी सर्वाधिक सक्षम है. इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इस वायरस के हमले से फिर भी बचा जा सकता है. इसके लिए आपको सावधानी बरतनी होती है.