Petrol-Diesel Price Relief: देश में बीते एक साल से तेल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में इस वक्त भले ही बढ़ोतरी हो रही हो, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब कीमतें काफी कम थीं. इसके बावजूद देश की पेट्रोलियम कंपनियों ने कोई राहत नहीं दी थी. उम्मीद लगाई जा रही है कि चुनावी मौसम में मोदी सरकार कोई बड़ा स्टेप ले सकती हैं और तेल के दामों में अच्छी-खासी कटौती देखने को मिल सकती है. क्या देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आएगी? इस सवाल को जब पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वैश्विक ऊर्जा बाजार में अस्थिरता के बावजूद भारत ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की किफायती कीमत को बरकरार रखा है.


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पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि भारत में पिछले 2 साल में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी की गई है, जबकि हमारे सभी पड़ोसी देशों में तेल काफी महंगा हो चुका है. उन्होंने कहा कि जून 2021 और जून 2023 के बीच भारत में पेट्रोल की कीमतों में 2.36 फीसदी का इजाफा हुआ है जबकि इस अवधि के दौरान पाकिस्तान में 50.83 फीसदी,  बांग्लादेश में 30.11 फीसदी, श्रीलंका में 79.61 फीसदी और नेपाल में 42.39 फीसदी ईंधन के दाम बढ़े हैं. 


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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस अवधि के दौरान अमेरिका में पेट्रोल की कीमतों में 30.15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि फ्रांस में 22.67 फीसदी, जर्मनी में 19.08 फीसदी, इटली में 14.68 फीसदी, स्पेन में 17 फीसदी, ब्रिटेन में 10.93 फीसदी और कनाडा में 24.17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हालात पर नजर बनाये हुए थे और दो मौकों नवंबर 2021 और मई 2022 में सरकार ने पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी कर आम लोगों को महंगे पेट्रोल डीजल से राहत दी थी.


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विपक्ष को आड़े हाथ लिया और उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में बीजेपी शासित राज्यों के मुकाबले पेट्रोल और डीजल की कीमत अधिक है. उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर वैट में कमी की गई है ताकि कीमत को नीचे लाया जा सके. जबकि विपक्ष ने अपने राज्यों में जनता को सहुलियत नहीं दी है.