Bihar Most Expensive Rice: बिहार में उगाए जाने वाले इन 6 चावलों की कीमत उड़ा देगी आपके होश, स्वाद और सुगंध में नहीं है कोई जोड़

Bihar Most Expensive Rice: बिहार में मूल रूप से आज भी 70-80% ग्रामीण परिवार कृषि पर निर्भर हैं. राज्य के हर जिले में चावल की खेती की जाती हैं. बिहार में चावल की खेती प्रत्येक साल करीब 5 मिलियन टन तक होती है. किसान साल में तीन बार राज्य में चावल की खेती को करते हैं. जिसमें शरद ऋतु के चावल, अघानी चावल और गर्मियों में उगाए जाने वाले चावल शामिल होते हैं. बिहार में कई प्रकार के चावल की खेती की जाती है. जिसमें कुछ चावलों को सबसे उत्तम क्वालिटी का चावल माना जाता है. जिसका डिमांड देश समेत विदेशों में भी है. भारत, दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है. चलिए आज हम आपको बिहार के 5 सबसे बेहतरीन चावलों के बारे में बताते हैं. जो खाने में उमदा और मीठा होने के साथ खुशबू में भी लाजवाब होता है.

जी बिहार-झारखंड वेब टीम Sun, 06 Oct 2024-3:29 pm,
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मैजिक राइस

मैजिक राइस बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में उगाया जाता है. इस चावल को गर्म पानी के जगह ठंडे पानी में पकाया जाता है, इसलिए इसे मैजिक राइय यानी जादुई चावल के नाम से भी जाना जाता है. मैजिक राइस को चूल्हे या फिर गैस पर पकाने की जरूरत नहीं होती है. इसे नार्मल पानी में आधे घंटे के लिए छोड़ देने से यह पूरी तरह बनकर खाने के लिए तैयार हो जाता है. 

 

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मैजिक चावल कीमत

मैजिक राइस का स्वाद अमूमन गर्म पानी में बनने वाले चावल के तरह ही होता है, लेकिन इस चावल की खासियत है कि इसे शुगर के मरीज भी खा सकते हैं. मैजिक चावल में औषधीय गुण भी पाए जाते हैं. इसलिए इस चावल का सेवन शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है. मैजिक चावल 200 से 250 रुपये प्रति किलो मिलता है. 

 

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मर्चा चावल

मर्चा चावल बिहार के पश्चिम चंपारण जिले और उसके आस-पास के इलाकों में उगाया जाता है. जिसे केंद्र सरकार के द्वारा जीआई टैग भी मिल चुका है. काली मिर्च जैसा दिखने के कारण इस चावल को मर्चा चावल या मर्चा राइस कहा जाता है. 

 

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मर्चा चावल कीमत

मर्चा चावल का पौधा आम तौर पर अन्य चावलों के पौधों की तुलना में लंबा होता है. बुआई के बाद लगभग 5 महीने में ये पककर तैयार हो जाता है. मर्चा चावल का औसत उपज 20-25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है. मर्चा चावल से बना चूड़ा लोगों को काफी पसंद आता है. मर्चा चावल का दाम 5,500 रुपये प्रति क्विंटल है. 

 

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गोविंद भोग चावल

गोविंद भोग चावल अपने मीठे स्वाद और सुगंध के लिए दुनिया भर में काफी मशहूर है. इसे बिहार के कैमूर जिले में उगाया जाता है. ये चावल बिहार के नामी चावलों में से एक है. आपको बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के भोग को बनाने के लिए बिहार के इसी प्रसिद्ध और सुगंधित चावल का इस्तेमाल किया गया था. 

 

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गोविंद भोग चावल कीमत

गोविंद भोग चावल देखने में सफेद और आकार में छोटा होता है. ये पकने के बाद थोड़ा चिपचिपा हो जाता है. बिहारी गोविंद भोग चावल की कीमत 1 किलो के लिए 329 रुपये है. 

 

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सोनाचूर चावल

सोनाचूर चावल बिहार के बक्सर, कैमूर और रोहतास जिलों में उगाया जाता है. सोनाचूर चावल, धान की कटोरी कहे जाने वाले जिले बक्सर की पहचान है. यह चावल खाने में स्वादिष्ठ होने के साथ स्वाद में भी लाजवाब होता है. 

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डुमरांव फार्मर प्रोड्यूसर

सोनाचूर चावल की बढ़ती मांग को देखते हुए डुमरांव फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी ने चावल की ऑनलाइन बिक्री के लिए एक वेबसाइट और ऐप बनाकर तैयार किया है. जिससे इसकी खुशबू न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी बिखरेगी. सोनाचूर चावल 80 से 100 रुपए प्रति किलो तक मिलता है. 

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कतरनी चावल

कतरनी चावल को बिहार के भागलपुर और बांका जिलों में उगाया जाता है. कतरनी चावल बिहार के मशहूर चावलों में से एक है, जिसका डिमांड दुनिया भर में है. ये चावल अपने स्वाद और खुशबू के लिए जाना जाता है. कतरनी चावल का आकार छोटा होता है. कतरनी चावल का डिमांड इतना होने के बावजूद ये अब विलुप्त होने के कगार पर है.ये 300 से 400 रुपए प्रति किलो मिलता है. 

 

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स्टिकी राइस

स्टिकी राइस जिसे चिपचिपा राइस भी कहा जाता है. इसे बिहार के गया जिले के बोधगया में उगाया जाता है. बोधगया में स्टिकी राइस के पौधे को बौद्ध भिक्षुओं ने खेत लीज पर लेकर लगाया है. जिसका दाम 500 से 600 रुपए प्रति किलो है. आमतौर पर स्टिकी राइस देश में थाईलैंड, लाओस या फिर कंबोडिया से आता है, लेकिन अब इसे बिहार के गया में भी उगाया जा रहा है. 

 

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