Patna Junction: कब किया गया था पटना जंक्शन का निर्माण, जानें हर दिन में गुजरती है कितनी ट्रेनें

Patna Junction: पटना जंक्शन का निर्माण 1862 में शुरू हुआ और इसका इतिहास बहुत महत्वपूर्ण है. पहले ब्रिटिश हुकूमत उत्तर प्रदेश और बिहार से कच्चा माल और उत्पादन गंगा नदी के रास्ते कोलकाता भेजती थी और फिर उसे जहाज से इंग्लैंड ले जाती थी.

1/9

राजेंद्र नगर स्टेशन को बनाया गया टर्मिनल

पटना जंक्शन से हर दिन 300 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं. भीड़ को ध्यान में रखते हुए राजेंद्र नगर स्टेशन को टर्मिनल बनाया गया और पाटलिपुत्र स्टेशन भी उत्तर बिहार के लिए शुरू किया गया. पटना में कई और स्टेशन भी हैं जैसे गुलजारबाग और पटना साहिब.

 

2/9

पटना में रेलवे स्टेशन का निर्माण कब हुआ?

1855 में पटना में रेलवे स्टेशन के निर्माण की शुरुआत हुई और यह 1862 में पूरा हुआ, जिसका नाम बांकीपुर रखा गया. बांकीपुर से दो रेलवे लाइन बनीं है, एक दीघा घाट और दूसरी पटना घाट तक जो उस समय वाराणसी और कोलकाता के लिए महत्वपूर्ण थी. 

3/9

दीघा घाट और पटना घाट

पटना व्यापारिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण था, इसलिए दीघा घाट और पटना घाट के बीच रेलवे स्टेशन बनाया गया. इसके बाद, पटना से हावड़ा और पटना से वाराणसी के बीच रेलवे ट्रैक बिछाने का काम तेजी से शुरू हुआ.

4/9

रेल पुलों का किया गया निर्माण

सोन नदी की चुनौतियों को देखते हुए, कोईलवर में एक बड़ा रेल पुल बनाया गया. ब्रिटिश सरकार ने पटना से हावड़ा और पटना से वाराणसी के बीच ट्रेनों का संचालन शुरू करने के लिए बड़ी नदियों को पार करने के लिए रेल पुलों का निर्माण करवाना शुरू किया.

5/9

पुनपुन नदी और किऊल नदी पर लंबे रेल पुल का निर्माण किया गया

1.44 किलोमीटर लंबी रेल और सड़क पुल का निर्माण 1862 में पूरा हुआ और 4 नवंबर 1862 को इसका उद्घाटन किया गया. इसी तरह फतुहा के पास पुनपुन नदी और किऊल नदी पर भी 554 मीटर लंबे रेल पुल का निर्माण 1861 में पूरा किया गया.

 

6/9

किस लिए की गई रेल सेवा शुरू?

पहले, अंग्रेजों ने माल ढुलाई और सुरक्षा के लिए रेल सेवा शुरू की, जिसे आम लोगों के लिए नहीं बनाया गया था. समय के साथ सवारी गाड़ियों का संचालन भी शुरू हुआ. आजादी से पहले, दरभंगा महाराज ने निजी यात्रा के लिए रेल सेवा शुरू की थी.

7/9

जनता एक्सप्रेस ट्रेन कब शुरू की गई

आजादी के बाद, 1 अक्टूबर 1948 को पटना से दिल्ली के लिए जनता एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की गई, जिसमें सभी डिब्बे तृतीय श्रेणी के थे. बाद में इस ट्रेन को पटना से हावड़ा तक विस्तार दिया गया और यह हावड़ा से दिल्ली के लिए पटना के रास्ते चलने लगी. धीमी रफ्तार के कारण इसे 1 अगस्त 2014 से बंद कर दिया गया.

8/9

पटना और गया के बीच बनाया गया एक रेलखंड

1900 में, पटना और गया के बीच एक रेलखंड बनाया गया, ताकि पटना को ग्रैंड कार्ड लाइन से जोड़ा जा सके. इस रेलखंड के माध्यम से माल ढुलाई शुरू हुई और बाद में पटना से गया और रांची के लिए सवारी गाड़ियां भी चलने लगीं. 

9/9

इलेक्ट्रिक किया गया

2003 से इस रेलखंड को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक किया गया और पहले की सिंगल लाइन को अब डबल लाइन में बदल दिया गया है.

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link