Phulwari Sharif: 2023 से 2047 तक दहशत का प्लान, जानिए आरोपियों की पूरी साजिश
Phulwari Sharif Conspiracy: पुलिसिया छानबीन में यह भी सामने आया है कि यह लोग साल 2023 में किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे, जिसका नाम इन्होंने जिहाद 2023 रखा था. दानिश दो वाट्सएप ग्रुप से जुड़ा हुआ था.
पटनाः Phulwari Sharif Conspiracy: इंडिया 2047 साजिश के खिलाफ लगातार पुलिस की जांच जारी है. इस क्रम में 3 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है, और इसकी जांच के दौरान पुलिस को अहम लीड मिली है. उसके बाद राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ मरगूव अहमद दानिश उर्फ़ ताहिर को गिरफ्तार किया गया है. ताहिर के मोबाइल और लैपटॉप को खंगालने के बाद पुलिस को कई अहम सुराग और डॉक्यूमेंट मिले हैं. इसके अनुसार यह पाकिस्तान की तहरीके लब्बेक नामक कट्टरपंथी संस्था से भी जुड़ा हुआ है. इसके अलावा इसका जुड़ाव गजवा ए हिंद से भी है.
अगले साल भी था दहशत का प्लान!
पुलिसिया छानबीन में यह भी सामने आया है कि यह लोग साल 2023 में किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे, जिसका नाम इन्होंने जिहाद 2023 रखा था. दानिश दो वाट्सएप ग्रुप से जुड़ा हुआ था. जिसके तार पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं, पटना एसएसपी ने जानकारी देते हुए कहा कि इनके स्लीपर सेल्स मुजफ्फरपुर, मोतिहारी जैसे जिलों में भी सक्रिय हो चुके हैं. इसको लेकर पुलिस कार्रवाई कर रही है. वहीं प्रधानमंत्री के आगमन के दौरान किसी साजिश के सवाल पर एसएसपी ने कहा कि इस तरह का तो कोई साक्ष्य नहीं मिला, लेकिन पीएफआई से जुड़े लोगों की योजना थी कि वह प्रधानमंत्री के आगमन का विरोध करेंगे.
इस दौरान वह प्रदर्शन कर सकते थे. वहीं आरएसएस विवाद पर एसएससी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि उन्होंने यह बात गिरफ्तार संदिग्धों की स्वीकारोक्ति पर कही थी, उनका मकसद कहीं से भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था.
पहले हुई थी दो लोगों की गिरफ्तारी
पटना में फुलवारी शरीफ में सामने आया मामला कई खुलासों के बाद बढ़ता जा रहा है. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया की आड़ में यहां देश विरोधी साजिश का खुलासा हुआ है. इन संगठनों के दफ्तर में इन लोगों को हथियार चलाने और धार्मिक उन्माद फैलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी. खुफिया इनपुट पर पुलिस ने फुलवारी शरीफ में PFI दफ्तर में छापेमारी कर इस मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों में एक मोहम्मद जलालुद्दीन झारखंड पुलिस का सेवा निर्मित दरोगा है. उसके साथ अक्सर प्रवेश नाम के शख्स को भी दबोचा गया कार्यालय से बड़े पैमाने पर आपत्तिजनक सामान मिले हैं. इस पूरे प्रकरण में सबसे चौंकाने वाला तथ्य तब सामने आया जब यह जानकारी मिली की मोहम्मद जलालुद्दीन झारखंड के विभिन्न थानों में तैनात रह चुका है.
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