Pitru Paksha 2024: अगर आपको सपने में आपके मृत दादा-दादी या अन्य पूर्वज दिखाई देते हैं, तो इसका एक खास मतलब हो सकता है. आचार्य मदन मोहन के अनुसार सपने में पूर्वजों को देखना यह संकेत देता है कि आपको उनके बारे में सोचने की जरूरत है या आपने उनसे जुड़ी कोई गलती की है. यह भी संभव है कि आपके पूर्वज आपको कुछ महत्वपूर्ण संदेश देना चाहते हों.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सपने में पूर्वजों का दिखना
आचार्य मदन मोहन के अनुसार सपने में पूर्वजों का दिखना कई बार हमें चेतावनी देने या सही रास्ता दिखाने के लिए हो सकता है. अगर वे आपको हाथ बढ़ाते हुए दिखते हैं, तो इसका मतलब है कि वे आपकी मदद करने के लिए तैयार हैं और आपकी समस्याओं को हल करना चाहते हैं. वहीं, अगर आप उन्हें उदास या नाराज देखते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि आपसे कोई गलती हो गई है और आपको सुधार करने की जरूरत है.


परेशानियों का संकेत
अगर सपने में आपके पूर्वज आपके पैरों के पास खड़े दिखाई देते हैं, तो इसका मतलब है कि आपके जीवन में कोई परेशानी आने वाली है. वहीं, अगर वे आपके सिर पर हाथ रखते हैं या सहलाते हैं, तो इसका मतलब है कि वे आपसे खुश हैं और आपको आशीर्वाद देना चाहते हैं. अगर वे अचानक सपने से गायब हो जाते हैं, तो यह भविष्य में आने वाली किसी समस्या का संकेत हो सकता है, जिसके लिए आपको सतर्क रहना चाहिए.


पूर्वजों की नाराजगी
अगर सपने में आपके पूर्वज नाराज दिखाई देते हैं, तो इसका मतलब है कि आपको पैतृक संपत्ति से जुड़े किसी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में यह जरूरी है कि आप उनके प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा करें, जैसे उनकी याद में दान देना या उनके नाम पर पूजा-अर्चना करना.


सपने में साथ चलना
अगर सपने में आपके पूर्वज आपके साथ चलते हुए दिखाई देते हैं, तो इसका मतलब है कि उनका आशीर्वाद आपके साथ है. यह संकेत देता है कि आपको सम्मान और संपत्ति में वृद्धि हो सकती है. ऐसे सपने अच्छे संकेत माने जाते हैं और वे यह बताते हैं कि आपके पूर्वज आपको संरक्षण दे रहे हैं.


इसके अलावा बता दें कि अगर आपको लगता है कि पूर्वज आपसे नाराज हैं, तो अमावस्या के दिन उनके नाम पर एक दीपक जलाएं और जरूरतमंदों को कपड़े या अन्य आवश्यक चीजें दान करें. इससे उनके आशीर्वाद प्राप्त हो सकते हैं और जीवन की समस्याओं का समाधान भी हो सकता है.


ये भी पढ़िए- कौन थे राजा जीमूतवाहन? जिन्होंने शुरू करवाया था जीवित्पुत्रिका व्रत, जानें