पटना: Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस के अध्यक्ष चुनाव से पहले राजस्थान का सियासी ड्रामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर अभी सस्पेंस जारी है. इसका असर अब बिहार में भी देखने को मिल रहा है. बीजेपी इसको लेकर कांग्रेस पर चुटकी ले रही है तो वहीं, राजद-जदयू कुछ भी कहने से बचती दिख रही हैं.


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'कांग्रेस में कोई बगावत नहीं'
पूरे मामले पर राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा, 'कांग्रेस में बगावत जैसी कोई बात नहीं है. लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का हक है और उसी अधिकार का विधायक सदुपयोग कर रहे हैं.'


राजस्थान में हो सकता है ऑपरेशन लोट्स'
जेडीयू प्रवक्ता सुनील कुमार ने इसे कांग्रेस का आंतरिक मामला बताया और कहा कि जिस तरह अन्य राज्यों में सियासी घटनाएं हुई हैं ऐसे में इसे 'ऑपरेशन लोट्स' (Operation Lotus) के तहत देखा जा सकता है.


'राजस्थान में जल्द सामान्य होंगी स्थिति'
कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने बगावत को सिरे से नकारते हुए कहा कि विधायकों का अपना विचार है. सब अपने नेता को मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं. कल तक सब स्थिति सामान्य हो जाएगी. कांग्रेस में कोई नाराजगी नहीं है. सभी विधायक कांग्रेस आलाकमान का निर्णय मानेंगे.


'कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की जरूरत'
वहीं, पूरे मामले पर बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस अब पूरी तरह से नेतृत्व विहीन हो चुकी है. कांग्रेस के लोग अब सोनिया-राहुल गांधी को नेता मानने से इंकार कर रहे हैं. अब कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की जरूरत है.


सीएम की कुर्सी पर फंसा पेंच
दरअसल, ये तय है कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सीएम अशोक गहलोत लड़ेंगे. ऐसे में राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर चिंतन और मंथन जारी है. इस बीच, राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने कहा कि हमने सोनिय गांधी को पूरी स्थिति बताई है. उन्होंने हमसे लिखित में रिपोर्ट में मांगी है.


कांग्रेस गहलोत के करीबियों पर करेगी कार्रवाई?
सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी के निर्देशानुसार, दोनों पर्यवेक्षक (मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन) कल अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंपेंगे. इसके बाद 'अनुशासनहीनता' के लिए अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले कुछ नेताओं पर कार्रवाई होने की संभावना है. 


(इनपुट-रीतेश मिश्रा)