बिहार में मणिपुर हिंसा को लेकर गरमाई राजनीति, विपक्ष ने भाजपा को घेरा
Patna News: जेडीयू की प्रवक्ता भारती मेहता ने मणिपुर हिंसा पर दुख जताते हुए कहा कि भारत के किसी भी हिस्से में ऐसी घटनाएं बेहद दुखद हैं. उन्होंने कहा कि भाषा, क्षेत्र, वर्ग या जाति के आधार पर इस तरह की हिंसा को बढ़ावा देना गलत है.
पटना: मणिपुर में चल रही हिंसा को लेकर बिहार में राजनीति गरमा गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के बयान के बाद विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. दिलीप जायसवाल ने मणिपुर में हो रही हिंसा पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह केवल एक क्षेत्रीय समस्या है, लेकिन इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने इसका तीखा विरोध किया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद मिश्रा ने इस मुद्दे पर भाजपा को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नजर में मणिपुर हिंसा केंद्र सरकार के लिए एक बड़ा धब्बा है. बीजेपी की सरकार मणिपुर में है और दिल्ली में भी. एक साल छह महीने से हिंसा जारी है और सरकार इसे रोकने में नाकाम रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर एक शब्द तक नहीं बोला है. बीजेपी के लोग अपनी विफलताओं को ढकने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को मणिपुर हिंसा पर तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि सरकार का दायित्व हिंसा को रोकना और कानून-व्यवस्था कायम करना है.
इसके अलावा कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी का भी बचाव किया और कहा कि बीजेपी राहुल गांधी से डरकर अनाप-शनाप बयान दे रही है. राहुल गांधी इस देश के जन नेता हैं और आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री बनेंगे. वहीं, जेडीयू की प्रवक्ता भारती मेहता ने मणिपुर हिंसा को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि भारत के किसी भी राज्य में ऐसी घटनाएं दुखदाई होती हैं और हमें भाषा, क्षेत्र, वर्ग या जाति के आधार पर ऐसी घटनाओं को बढ़ावा नहीं देना चाहिए. भारत एक है, हम सब भारतीय हैं और ऐसी घटनाओं को किसी भी आधार पर प्रोत्साहन नहीं मिलना चाहिए.
राजद के नेता एजाज अहमद ने भी मणिपुर हिंसा पर सरकार के रवैये को लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और बीजेपी मणिपुर की घटना को गंभीरता से नहीं ले रही हैं, यही वजह है कि इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं गए और केंद्र सरकार ने मणिपुर को राजनीतिक कारणों से नजरअंदाज कर दिया है. इस घटनाक्रम से साफ है कि मणिपुर हिंसा पर बिहार में राजनीतिक दलों के बीच तीखी प्रतिक्रिया हो रही है और यह मामला अब राज्य राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन चुका है.
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