caste census: बिहार में जातीय जनगणना के शुरू होते ही सियासत तेज, भाजपा के वार पर तेजस्वी का पलटवार
caste census in Bihar: एक तरफ बिहार में जातीय जनगणना का काम आज से शुरू हो गया है. आज से जनगणना के इस पहले चरण में मकानों की मैपिंग कर उसपर नंबर डालने का काम किया जाएगा, इस दौरान भी परिवार से जुड़े कई आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे.
पटना: caste census in Bihar: एक तरफ बिहार में जातीय जनगणना का काम आज से शुरू हो गया है. आज से जनगणना के इस पहले चरण में मकानों की मैपिंग कर उसपर नंबर डालने का काम किया जाएगा, इस दौरान भी परिवार से जुड़े कई आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे. इसके बाद इस प्रोग्राम में आगे से सारी कार्रवाई की जाएगी और इस पूरे कार्यक्रम को मई तक निपटाने की तैयारी है. आपको बता दें कि बिहार सरकार की तरफ से इस जातीय जनगणना को लेकर विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था और इशके बाद नीतीश कुमार की अध्यक्षता में इसको लेकर सभी दलों की बैठक भी हुई थी.
बिहार में जातीय जनगणना की मांग लालू यादव बहुत पहले से उठाते रहे हैं. आपको बता दें कि बिहार सरकार का इस जनगणना को कराए जाने के पीछे का सीधा मकसद है कि गैर एसी, गैर एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या का सही तरीके से आंकलन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में इसकी जरूरत ज्यादा है. अब इसको लेकर प्रदेश की राजनीति गर्म हो गई है. जहां एक तरफ बिहार सरकार के घटक दलों के नेता इसे ऐतिहासिक कदम बता रहे हैं वहीं भाजपा इसको लेकर बिहार सरकार को घंरने में लगी हुई है. बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सियासत जोरों पर है.
बिहार में भाजपा के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भी इस मामले पर नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि आजादी के 75 साल हो गए लेकिन जाति के आधार पर गणना क्यों नहीं हुई, क्या नीतीश कुमार बता पाएंगे? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कई कल्याणकारी योजना बनाई गई, इसका एक मात्र उद्देश्य जाति मुक्त समाज और भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाना था. सिन्हा ने आगे कहा कि जाति के आधार पर गणना कराने के बजाए आर्थिक आधार पर गणना कर समाज को टूटने से बचाया जा सकता था. उन्होंने नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए पूछा कि इसमें जो 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे उसका गरीबों को क्या लाभ मिलेगा? उन्होंने पूछा कि 32 साल से दोनों भाई कर क्या रहे थे? उन्होंने वीडियो में कहा कि जाति के बजाए, केवल आर्थिक जनगणना करवाकर समाज को तोड़ने से बचाया जा सकता है. समरस समाज की परिकल्पना कभी भी जाति में बांट कर पूरी नहीं की जा सकती. क्षेत्रीय पार्टियां केवल अपना रोटी सेकना चाहती है, अपना उल्लू सीधा करना चाहती है.
वहीं 'दृष्टि बिहार-एजेंडा 2025' कार्यक्रम के तहत बिहार की यात्रा कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री, भाजपा नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि जातीय जनगणना से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन नीतीश कुमार बताएं कि जो 4 करोड़ लोग बिहार से पलायन कर गए हैं उनकी कौन सी जाति है और वह किस जिले से हैं.
वहीं बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भाजपा नेताओं की तरफ से दिए गए बयान पर कहा कि भाजपा एक दलित विरोधी, पिछड़ा विरोधी, गरीब विरोधी पार्टी है! समाज के अंतिम पायदान पर खड़े वंचित वर्गों के मुख्य धारा में आने से भाजपा को भारी डर है. वहीं तेजस्वी ने आगे कहा कि बिहार में आज से जाति आधारित सर्वे शुरू होगा. यह हमें वैज्ञानिक आंकड़ा देगा जिससे उसके अनुसार बजट और समाज कल्याण की योजनाएं बनाई जा सकें.भाजपा गरीब विरोधी है. वे नहीं चाहते कि ऐसा हो.