Patna: बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) ने राज्य के विभिन्न शहरों में बिगड़ती वायु गुणवत्ता से निपटने के लिए पर्यावरण संरक्षण कानूनों का पालन करने में विफल रहने वाले सरकारी निकायों के खिलाफ मौजूदा प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया है. 


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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने देश के 244 शहरों के जारी दैनिक 'वायु गुणवत्ता सूचकांक' बुलेटिन (14 नवंबर, 2023 शाम 4 बजे तक) के अनुसार बिहार का सारण जिला मुख्यालय छपरा 386 एक्यूआई के साथ सूची में शीर्ष पर था. इसके अनुसार, सारण के बाद बेतिया में 345 और पटना में 324 एक्यूआई दर्ज किया गया था. इन शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' (301-400) स्तर तक गिर गया है.


सीपीसीबी का कहना है कि बहुत खराब वायु-गुणवत्ता लंबे समय तक रहने पर श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बनती है. बीएसपीसीबी के अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार शुक्ला ने बुधवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ''यह सच है कि राज्य के कई जिलों में हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है.हम राज्य में बिगड़ती वायु गुणवत्ता से निपटने के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं.' 


शुक्ला ने कहा, 'मौजूदा प्रावधानों के तहत पर्यावरण संरक्षण कानूनों का पालन करने में विफल रहने वाले सरकारी निकायों सहित अन्य सभी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है.' उन्होंने बताया कि बीएसपीसीबी ने मंगलवार को पर्यावरण संरक्षण कानूनों का अनुपालन न करने के लिए बिहटा नगर परिषद को 25,000 रुपये का जुर्माना लगाने का नोटिस दिया है.


बीएसपीसीबी ने पहले ही संबंधित जिला प्रशासन को अपने-अपने क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की जांच के लिए कानूनों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं.उन्होंने कहा कि उपरोक्त कानून सरकारी विभागों द्वारा किए गए अपराधों से संबंधित हैं और विभाग के प्रमुख को दोषी माना जाएगा और तदनुसार मुकदमा चलाने तथा दंडित किए जाने के लिए उत्तरदायी होगा.


उन्होंने कहा कि बिना ढके निर्माण, कूड़ा जलाने, सड़कों के किनारे निर्माण सामग्री के खुले भंडारण आदि पर रोक लगाने के लिए, जिलाधिकारी द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 133 के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अधिकारियों द्वारा कार्रवाई शुरू की जा सकती है.


(इनपुट भाषा के साथ)