पटना: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर जो छात्रों की मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हैं, उनकी तबीयत बिगड़ने की खबर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक प्रशांत किशोर का गला खराब है और डॉक्टरों ने उनकी हालत को गंभीर बताते हुए उन्हें अस्पताल ले जाने की सलाह दी है. हालांकि, प्रशांत किशोर अस्पताल जाने को तैयार नहीं हैं, लेकिन उनकी टीम लगातार उन्हें मेदांता अस्पताल ले जाने की कोशिश कर रही है. दरअसल, प्रशांत किशोर पिछले छह दिनों से अनशन पर हैं और केवल पानी ग्रहण कर रहे हैं. उनका कहना है कि तबीयत बिगड़ने के बावजूद उनका अनशन जारी रहेगा. डॉक्टरों और मेडिकल टीम ने उनके आवास पर पहुंचकर उनकी स्थिति की जांच की. इस बीच, सत्याग्रह समिति ने बैठक कर फैसला लिया है कि आंदोलन जारी रहेगा.


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गांधी मैदान से गिरफ्तारी और रिहाई का सफर
सोमवार तड़के चार बजे पटना पुलिस ने गांधी मैदान से प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद उन्हें एम्स ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी जांच की. इस दौरान पुलिस ने गांधी मैदान का धरनास्थल भी खाली करवा लिया. इसके बाद प्रशांत किशोर को कोर्ट ने सशर्त जमानत दी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. उन्होंने कहा कि वह अपनी लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे. आखिरकार कोर्ट ने उन्हें बिना शर्त जमानत दी, जिसके बाद वह जेल से बाहर आए और अपने घर लौटे. प्रशांत किशोर ने जेल जाने से पहले कहा था कि अगर हम रुक गए, तो सरकार का मनोबल बढ़ जाएगा. हम बेल नहीं लेंगे और अनशन भी जारी रहेगा. प्रशासन को जो करना है करने दीजिए.


राजनीतिक बयानबाजी तेज
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी और अनशन को लेकर सियासत भी गर्म हो गई है. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस घटना पर तंज कसते हुए इसे एक 'फिल्म' करार दिया. उन्होंने कहा कि यह एक फिल्म है, जिसमें एक्टर, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर सब कुछ पहले से तय है. प्रशांत किशोर बीजेपी की बी टीम हैं. प्रशांत किशोर की इस लड़ाई ने न केवल प्रशासन और सरकार के खिलाफ एक नई बहस छेड़ी है, बल्कि उनकी तबीयत बिगड़ने के साथ यह आंदोलन और भी गंभीर हो गया है. फिलहाल, उनकी टीम और समर्थक उनके स्वास्थ्य और आंदोलन को लेकर चिंतित हैं.


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