Bhagalpur: राजनीतिक विश्लेषक मानें जाने वाले प्रशांत किशोर ने भागलपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीतीश कुमार के उनपर किए गए टिप्पणी का जवाब दिया. उन्होंने कहा, नीतीश कुमार यहां के बुजुर्ग नेता हैं, वो कुछ बोलना चाहते हैं तो उनको बोलने दीजिए. व्यक्तिगत टीका टिप्पणी करना ठीक नहीं है. अगर उन्होंने कुछ कहा है तो वह उनकी सोच है.


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'ये हास्यास्पद है'


किशोर ने सवालिया लहजे में कहा कि कौन भाजपा के साथ काम कर रहा है, जहां तक हम सभी जानते हैं कि अभी 1 महीना पहले तक नीतीश कुमार भाजपा के साथ ही थे. नीतीश कुमार अगर किसी को इस तरह का सर्टिफिकेट दे रहे हैं तो ये हास्यास्पद ही है.


'अब याद आया कि 10 लाख नौकरी दी जा सकती है'


नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि 17 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद उन्हें याद आया कि 10 लाख नौकरी दी जा सकती है, पहले ही दे देना चाहिए था. लेकिन चलिए, अब नीतीश कुमार इतने बड़े नेता हैं, उनको ए से जेड तक पता है, दूसरे को एबीसी नहीं आता है.


उन्होंने आगे कहा है कि 10 लाख नौकरी देंगे, अगर दे देंगे तो हम जैसे लोगों को अभियान चलाने की क्या जरूरत है. अगर 10 लाख नौकरी दे देते हैं तो उनको नेता मानकर जैसे 2015 में उनका काम कर रहे थे, फिर से उनका काम करेंगे. उनका झंडा लेकर घूमेंगे.


किशोर ने चुनौती देते हुए कहा कि एक वर्ष में 10 लाख लोगों को नौकरी देकर दिखाइए. उन्होंने हालाकि आगे कहा कि 12 महीना के बाद उनसे पूछेंगे कि किसको ए बी सी का ज्ञान है और किसको एक्स वाई जेड का ज्ञान है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर नीतीश 10 लाख नौकरी दे दिए तो मान लेंगे कि सर्वव्यापी और सर्वज्ञानी आप ही है.


नहीं पड़ेगा 24 के चुनाव पर असर 


CM नीतीश कुमार की PM दावेदारी को लेकर उन्होंने कहा कि बिहार में हुए राजनीतिक बदलाव का असर केंद्र पर नहीं पड़ेगा. अगर कोई विपक्ष से मिलता है तो इसका मतलब ये नहीं है कि वो प्रधानमंत्री बन जाएगा. इसका 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा. 


उल्लेखनीय है कि बुधवार को नीतीश कुमार ने दिल्ली में किशोर पर भड़कते हुए कहा था कि बिहार में जो करना है, वह करे. प्रदेश में 2005 से क्या काम हो रहा है ऐसे लोगों को कुछ पता भी है. वे एबीसी भी जानते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि अगर कोई इस तरह की बात कहता है तो इसका मतलब यही है कि उसे भाजपा के साथ रहने का मन होगा या फिर भाजपा की मदद करने की इच्छा होगी.


(इनपुट: अजय कुमार)