पटना: Pulwama Attack Anniversary 2023: 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले को आज चार साल पूरे हो चुके हैं. इस हमले में बिहार के भी वीर जवान शहीद हुए थे. लेकिन भारत की रक्षा में लगे बिहार के वीर शहीद जवानों को सही मायनों में अब तक सम्मान नहीं मिल सका है. सरकार ने इनके शहादत के समय कई घोषणाएं की थी जो आज चार साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई है. बिहार के दो जवान इस हमले में शहीद हुए थे, जिनमें राजधानी पटना के तारेगना में मठिया निवासी संजय सिन्हा और भागलपुर के सन्हौला प्रखंड की मदारगंज पंचायत के रतनपुर गांव के रतन ठाकुर शामिल थे.


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डीएम कार्यालय के चक्कर लगा रहे परिजन
शहादत के समय रतन ठाकुर के गांव रतनपुर में प्रतिमा और लाइब्रेरी लगाने की घोषणा हुई थी. एक तरफ लाइब्रेरी भवन का निर्माण चार साल बाद भी अधूरा है तो दूसरी तरफ प्रतिमा बनकर तैयार है लेकिन अभी तक उसे लगाने के लिए जगह नहीं मिल सकी है. वहीं, मुख्यमंत्री ने शहीद संजय सिन्हा के घर से लेकर तरेगना रेलवे गुमटी बस पड़ाव तक सड़क बनाने की घोषणा की थी जो अभी तक नहीं बन पाई है. शहीद के परिजन अभी भी इन योजनाओं को पूरी होने की आस लगाए बैठे हैं. शहीद रतन ठाकुर की याद में उनके गांव में प्रवेश करते समय सिर्फ एक गेट नजर आता है. उनके पिता राम निरंजन सिंह ने बताया कि कार्यों को पूरा कराने के लिए डीएम कार्यालय का चक्कर लगा लगाकर थक गए हैं. शहीद के परिवार को घर और जमीन देने की भी बात कही गई थी, जो अब तक नहीं मिल पाया है. 


सीएम के मंजूरी बाद भी अब तक नहीं बनी सड़क


शहीद संजय सिन्हा के नाम पर उनके गांव मठिया से लेकर तारेगना रेलवे गुमटी स्थित बस पड़ाव तक नगर विकास विभाग के राज्य योजना से बनने वाली सड़क और नाले का निर्माण कार्य निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो सका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शहादत के समय सड़क निर्माण की मंजूरी दी थी. जिसके बाद नगर विकास विभाग ने 4.70 करोड़ की राशि इसके लिए खर्च करने की मंजूरी दी और इस कार्य को नवंबर, 2022 तक पूरा करने का समय भी निर्धारित किया गया. लेकिन वो अब तक पूरा नहीं हो पाया है. 


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