Raju Srivastava: मुंबई में ऑटो चलाते थे राजू श्रीवास्तव, फिर ऐसे बने कनपुरिया स्टाइल से कॉमेडी किंग
Raju Srivastava Death: `मेरा नाम चिन चिन चू बाबा चिन चिन चू, कर डालूंगा तेरे को हाऊ डू यू डू` इस डायलॉग से फेमस होने वाले राजू श्रीवास्तव अब हमारे बीच इस दुनिया में नहीं रहे.
पटनाः Raju Srivastava Death: 'मेरा नाम चिन चिन चू बाबा चिन चिन चू, कर डालूंगा तेरे को हाऊ डू यू डू' इस डायलॉग से फेमस होने वाले राजू श्रीवास्तव अब हमारे बीच इस दुनिया में नहीं रहे. कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने दुनिया भर के फैन्स को अपने मजाकिया अंदाज से गुदगुदाने वाले बीमारी से जिंदगी की जंग हार गए और 21 सितंबर को दुनिया से अलविदा कह दिया है. आज उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली. राजू एक ऐसा नाम है जिसे सुनते ही सबके चेहरे खिल उठते थे.
1988 में रखा फिल्मी दुनिया में कदम
साल था 1988 जब उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा था. साल 1988 में रिलीज हुई फिल्म 'तेजाब' में अनिल कपूर हीरो के रोल में थे और राजू ने उनके दोस्त की भूमिका निभाई थी. इस फिल्म में उनका बहुत छोटा रोल था, लेकिन उनकी एक्टिंग ने बड़े फिल्म मेकर्स का ध्यान अपनी ओर खींच लिया था. इस फिल्म के बाद राजू 1989 में रिलीज हुई सलमान खान स्टारर 'मैंने प्यार किया' में भी ट्रक क्लीनर के रोल में नजर आए. इसके बाद करीब उन्होंने 19 फिल्मों में काम किया. लगभग दो दशक तक फिल्मों में काम करने के बावजूद उन्हें वो पहचान हासिल नहीं हुई जिसके वो हकदार थे.
कुछ वक्त बाद हो गया था काम मिलना बंद
कुछ वक्त बाद राजू श्रीवास्तव को काम मिलना बंद हो गया था. जिसके वजह से वो मुंबई की सड़कों पर ऑटो चलाने पर मजबूर हो गये थे. राजू इस दौरान भी अपने साथ बैठने वाले यात्रियों को हंसाते हुए ले जाते थे. राजू की किस्मत ने उस वक्त करवट ली, जब उन्हें ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ का शो मिला. उन्होंने इस शो में पार्टिसिपेट किया था. जिसके बाद वो इस शो में तीसरे पायदान पर आए थे, लेकिन ग्रामीण परिवेश में ढले उनके जोक्स ने देश भर को उनका दीवाना बना दिया.
25 साल बाद मिली थी नाम को पहचान
हालांकि कई फिल्मों में छोटे-छोटे रोल निभाने के बाद राजू श्रीवास्तव को कामयाबी साल 2005 में आए स्टैंड-अप कॉमेडी शो ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ के पहले सीजन से मिली थी. इससे पहले वो ‘मैंने प्यार किया’, ‘बाजीगर’, ‘बॉम्बे टू गोवा’ (रीमेक) और ‘आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया’ जैसी 19 फिल्मों में नजर आ चुके थे. जब राजू मुंबई, अपने करियर की शुरुआत में आए थे तो उस वक्त लोग कॉमेडी को ज्यादा तवज्जो नहीं देते थे. उस दौरान बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर साहब को देखकर साहस मिलता था. उस वक्त उन्हें कॉमेडी शो करने के महज 50 रुपये मिलते थे.
राजू श्रीवास्तव नहीं था असली नाम
यह कहना गलत नहीं होगा कि कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का नाम कॉमेडियन की दुनिया में काफी सम्मान से लिया जाता है और लिया जाता रहेगा. उनका का असली नाम सत्य प्रकाश था. लेकिन दुनियाभर के लोग उन्हें राजू श्रीवास्तव या फिर गजोधर भैया के नाम से ही जानते है. राजू श्रीवास्तव हमेशा हास्य कलाकार बनना चाहते थे. वो अक्सर अमिताभ बच्चन की नकल करते हुए नजर भी आते थे.
बचपन से था उन्हें मिमिक्री का शौक
राजू एक बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. परिवार में उनके माता-पिता, एक भाई, पत्नी और दो बच्चे हैं. उनका जन्म 25 दिसम्बर 1963 को कानपुर के साधारण से परिवार में हुआ था. इनके पिता का नाम रमेश चंद्र श्रीवास्तव और माता का नाम सरस्वती श्रीवास्तव था. उनके पिता एक जाने-माने कवि थे. जिनको लोग बलाई काका के नाम से जानते थे. वहीं मां एक गृहणी थी. राजू ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कानपुर से ही की है. उन्हें बचपन से ही मिमिक्री का बहुत शौक था. बताया जाता है कि बचपन में वह अपने टीचर की नकल उतारकर सबको हंसाया करते थे. राजू को हंसाने की कला उनके पिता से मिली थी.
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