पटनाः Raksha bandhan 2022: रक्षाबंधन का पर्व आने ही वाला है. बाजार सज गए हैं. बहनें तैयारियों में जुटी हैं. राखी का त्योहार भाई और बहन के प्रेम का त्योहार है. इस दिन बहनें, अपने भाई को राखी बांधती हैं और भाई, बहनों को उनकी रक्षा का वचन देते हैं. सनातन परंपरा में यह पर्व बहुत विशेष है. सावन की फुहारों के बीच, श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व भगवान विष्णु का भी पर्व है. इस दिन देवी लक्ष्मी ने, दैत्यराज बलि को राखी बांधकर उन्हें अपना भाई बनाया था.


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कब है रक्षाबंधन
इस बार रक्षा बंधन को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति है. राखी के पर्व के दिन यानी कि सावन पूर्णिमा के दिन तिथि की शुरुआत होने के कुछ देर बाद ही भद्रा लग जा रही है. ऐसे में राखी का पर्व 11 अगस्त को होगा या 12 को, इसे लेकर असमंजस है. हालांकि कुछ लोग 11 को तो कई स्थानों पर 12 अगस्त को रक्षाबंधन मनाने की तारीख बताई जा रही है. इसका निर्णय उस दिन के सटीक पंचांग और काल गणना से हो जाएगा. रक्षाबंधन की तैयारी और भाई को राखी कैसे बांधी जाए, इसे लेकर कुछ नियम हैं, जानिए यहां. 


राखी बांधने की सनातनी विधि
राखी बांधने से पहले बहन और भाई दोनों उपवास रखें. बहनों को चाहिए कि वह पहले थाली सजाएं. इस प्रक्रिया में थाली में राखी, रोली, दिया, कुमकुम, अक्षत और मिठाई रखें. राखी बांधते वक्त सबसे पहले भाई को माथे पर तिलक लगाएं. उसके बाद भाई पर अक्षत वारें. अब बहनें अपने भाई के दाहिने हाथ पर राखी बांधें. राखी बांधने के बाद बहन भाई की आरती उतारें. राखी बंधवाने के बाद भाई, अपनी बहनों के चरण जरूर स्पर्श करें. सनातन परंपरा में बहनें देवी कन्या का रूप होती हैं. कई जगहों पर बहनें, बड़े भाइयों के पैर छूती हैं. अगर भाई बड़ा है तो उसके पैर छूकर भाई से आशीर्वाद लें. फिर भाई को मिठाई खिलाएं. बहन के राखी बांधने के बाद भाई अपनी सामर्थ्य अनुसार बहन को उपहार दें. कभी भी खाली और खुले हाथों से राखी नहीं बंधवाएं. हमेंशा हाथ में कुछ धन और अक्षत जरूर रख लें और मुट्ठी बंद रखें. ऐसा करने से संपदा और संपत्ति बनी रहती है. 


राखी बांधते समय पढ़ें ये मंत्र
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।


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