पटनाः Rama Ekadashi 2022:दिवाली से पहले आने वाली इस एकादशी का विशेष महत्व होता है. रमा एकादशी को सबसे शुभ और महत्वपूर्ण एकादशी माना जाता है. यह कार्तिक कृष्ण एकादशी या रम्भा एकादशी जैसे अन्य नामों से भी लोकप्रिय है भक्त धार्मिक रूप से इसे मानकर अपने सभी पापों से वंचित हो सकते हैं. इस दिन भक्त मां लक्ष्मी के रमा स्वरूप की पूजा-अर्चना करते हैं. ऐसी मान्यता है इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से माता बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं और इस व्रत को श्रद्धा पूर्वक करने से घर में सुख-समृद्धि आती है.


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एकादशी का महत्व
दीपावली (24 अक्टूबर) से पहले आने वाली इस एकादशी का महत्व काफी अधिक है, क्योंकि इस दिन विष्णु जी के साथ महालक्ष्मी की भी विशेष पूजा की जाती है. दीपोत्सव के लिए रमा एकादशी से काफी लोग अपने-अपने घर के बाहर दीपक जलाना शुरू कर देते हैं. वैसे तो एकादशी पर विष्णु जी के लिए व्रत-उपवास किए जाते हैं, लेकिन रमा एकादशी पर लक्ष्मी पूजा भी करनी चाहिए, रमा लक्ष्मी जी का ही एक नाम है. शुक्रवार को एकादशी होने से इस दिन शुक्र ग्रह के लिए भी विशेष पूजा जरूर करें.


गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
पीतल अथवा कांसे की कटोरी में चने की दाल, 12 पीले फूल, और दो पीली मिठाई को रखकर भगवान विष्णु केा अर्पित करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें. सुबह की पूजा के बाद और शाम को भी पूजा करनी चाहिए. लक्ष्मी-विष्णु की पूजा के बाद तुलसी के पास दीपक जलाएं, चुनरी ओढ़ाएं. अगले दिन यानी शनिवार (द्वादशी) को फिर पूजा करें और पूजा के बाद जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं. इसके बाद ही खुद खाना खाएं. इस तरह एकादशी का व्रत पूरा होता है.


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