रांची: Jharkhand News: रांची के ओरमांझी थाना क्षेत्र में साल 2021 में एक युवती की सिरकटी निर्वस्त्र लाश की बरामदगी की बहुचर्चित और सनसनीखेज वारदात में आज कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. रांची अपर न्यायायुक्त एमके वर्मा की अदालत ने युवती की हत्या के बाद उसके धड़ को झाड़ी में फेंकने और सिर एक खेत में दफनाने के आरोपी दंपति शेख बेलाल और अफसाना खातून को आखिरी सांस तक उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ हीं दोनों पर 95-95 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दोनों को अतिरिक्त एक साल की सजा भुगतनी होगी.


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इस केस की सुनवाई पूरी होने के बाद बीते 25 नवंबर को अदालत ने दोनों को दोषी करार दिया था. यह वारदात 3 जनवरी 2021 को तब सामने आई थी, जब रांची के ओरमांझी में एक युवती की सिरकटी निर्वस्त्र लाश बरामद की गई थी. इस वारदात को लेकर रांची में जनाक्रोश फूट पड़ा था. गुस्साई भीड़ ने रांची के किशोरगंज चौक के पास सड़क जाम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमला बोल दिया था. इसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया था.


सिर कटी होने की वजह से युवती के शव की पहचान नहीं हो पा रही थीय पुलिस ने सिर खोजने वाले को 5 लाख रुपये इनाम देने की भी घोषणा की थी. जिसके बाद शव बरामदगी के 10वें दिन 12 जनवरी को पुलिस ने युवती का सिर रांची के पिठौरिया थाना क्षेत्र के चंदवे बस्ती में एक खेत से बरामद किया था. उसकी पहचान रांची के चान्हो थाना अंतर्गत चटवल की सोफिया खातून के रूप में हुई. माता-पिता से डीएनए मैच कराया गया, तब जाकर इसकी पुष्टि हुई थी कि सिर और धड़ सोफिया का ही था. बता दें कि इस वारदात में बेहतर अनुसंधान के लिए ओरमांझी थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो और सिल्ली के तत्कालीन डीएसपी चंद्रशेखर आजाद को केंद्रीय गृह मंत्री बेस्ट अनुसंधानक का अवॉर्ड मिला था.


इनपुट- आईएएनएस


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