पटनाः Jyotish Ratna Niyam: ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का बेहद महत्व है. ये ऐसी वस्तु है जिन्हें काफी शक्तिशाली माना गया है. ज्योतिष विधा का यह दावा है कि ये रत्न बड़ी से बड़ी परेशानी को अपने प्रभाव से खत्म करने की क्षमता रखते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्न में करिश्माई शक्तियां होती हैं. रत्न अगर सही समय में और ग्रहों की सही स्थिति को देखकर धारण किए जाएं, तो इसका सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होता है अन्यथा रत्न विपरीत प्रभाव भी देते हैं. रत्न कई प्रकार के होते हैं. हर रत्न किसी विशेष परेशानी या किसी खास मकसद से ही धारण किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषी से सलाह जरूर लेनी चाहिए. इसके साथ ही कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है. क्योंकि ये रत्न शुभ के साथ-साथ अशुभ फल भी देते हैं. जानिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रत्न पहनते समय. किन गलतियों को करने से बचना चाहिए.


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रत्न धारण करने के नियम -
1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी रत्न को कभी भी किसी माह के कृष्ण पक्ष में धारण नहीं करना चाहिए. रत्न को पहनने के लिए किसी भी महीने का शुक्ल पक्ष ही उत्तम माना जाता है. इसके अलावा किसी भी रत्न को पहनने के पूर्व उनको विधि-विधान के अनुसार पूजा करके अभिमंत्रित करने के बाद ही धारण करना चाहिए.


2. किसी भी रत्न को सिर्फ शुभ मुहूर्त ने पहना ही नहीं जाता, बल्कि रत्न को खरीदते समय भी शुभ मुहूर्त का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. बाजार से रत्न लेते समय इस बात का पूरा ख्याल रखें कि रत्न में किसी प्रकार का दाग लगा हुआ ना हो और ना ही यह कहीं से चटका या टूटा हो. ज्योतिष के मापदंड के अनुसार ही रत्न को खरीदना चाहिए.


3. यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक रत्न धारण करना चाह रहा है, तो उसे इस बात का पूरा ख्याल रखना चाहिए कि परस्पर शत्रु राशि वाले रत्नों को एक साथ कभी ना पहनें. इसके अलावा यदि रत्न की अनुकूलता को परखना है तो संबंधित ग्रह के हिसाब से रेशम के वस्त्र में रत्न को लपेट कर उसकी पूजा करने के बाद अपनी बांह में धारण कर लें.