पटनाः Ratna Jyotish Rule:वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की शांति के लिए रत्नों को धारण करने का उपाय बताया गया है. ये रत्न विधि और नियम के अनुसार ही पहने जाते हैं. क्योंकि बिना नियम के पहनने पर इसके प्रभाव प्रतिकूल हो जाते हैं. इसलिए अगर आप कोई रत्न पहनने जा रहे हैं तो सबसे पहले इनसे जुड़े हुए नियमों को अवश्य जान लें. 


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सही समय पर धारण करना चाहिए रत्न
रत्न अगर सही समय में और ग्रहों की सही स्थिति को देखकर धारण किए जाएं, तो इसका सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होता है अन्यथा रत्न विपरीत प्रभाव भी देते हैं. रत्न कई प्रकार के होते हैं. हर रत्न किसी विशेष परेशानी या किसी खास मकसद से ही धारण किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषी से सलाह जरूर लेनी चाहिए. जानिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रत्न पहनते समय. किन गलतियों को करने से बचना चाहिए.


तिथियों का विशेष ध्यान रखें
रत्न पहनने से पहले यह इस बात का ध्यान देना चाहिए कि 4, 9 और 14 तिथि न हो. ज्योतिष के मुताबिक इन तारीखों पर रत्न धारण नहीं करना चाहिए. इसके अलावा ये भी याद रखना चाहिए कि जिस दिन रत्न धारण करें उस दिन गोचर का चंद्रमा आपकी राशि से 4,8,12 में ना हो. साथ ही अमावस्या, ग्रहण और संक्रांति के दिन भी रत्न न पहनें. रत्न हमेशा दोपहर से पहले सूर्य की ओर मुख करके पहनना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी रत्न को कभी भी किसी माह के कृष्ण पक्ष में धारण नहीं करना चाहिए. रत्न को पहनने के लिए किसी भी महीने का शुक्ल पक्ष ही उत्तम माना जाता है. इसके अलावा किसी भी रत्न को पहनने के पूर्व उनको विधि-विधान के अनुसार पूजा करके अभिमंत्रित करने के बाद ही धारण करना चाहिए.


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