पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि न्यायालय में शपथपत्र देकर जब राज्य सरकार ने जातीय सर्वे के व्यक्तिगत आंकड़े सार्वजनिक नहीं करने की बात कही धी, तब उपेंद्र कुशवाहा के परिवार के आंकड़े जारी होना कई सवाल खड़े करता है. 


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राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जदयू प्रवक्ता के पास ये आंकड़े कैसे आये ? कितने लोगों के ऐसे आंकड़े कितने लोगों को लीक किये गए ? ऐसे सवालों का उत्तर सरकार को देना होगा.


उन्होंने कहा कि कुशवाहा या किसी भी व्यक्ति के आंकड़े जारी करना निजता के अधिकार का उल्लंघन और कोर्ट की अवमानना है. राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदीने कहा कि सर्वे में फर्जीबाड़ा होने और कई जातियों की संख्या बहुत कम या बहुत ज्यादा दर्ज करने की शिकायतों को भी गंभीरता से लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जातीय सर्वे को पूरी तरह त्रुटिहीन और प्रमाणिक बता कर मुख्यमंत्री सारी गड़बड़ियों पर पर्दा डाल रहे हैं.


मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने कही थी ये बात


जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट पर कई लोग सवालिया निशान लगा रहे हैं. ऐसे में बिहार के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि जिन लोगों को चिंता है, उन्हें वैध सबूत के साथ आना चाहिए और बिहार सरकार इस पर गौर करेगी. मंत्री सुनील कुमार ने बुधवार को पटना में पत्रकारों से बात करते हुए यह बयान दिया. 


उन्होंने कहा, ''जाति आधारित सर्वे निष्पक्ष तरीके से किया गया और अधिकारियों ने इसमें हर पहलू को ध्यान में रखा है. फिर भी, यदि कोई इससे संतुष्ट नहीं है, तो उन्हें वैध प्रमाण के साथ आना चाहिए. अधिकारी उनकी चिंताओं पर भी गौर करेंगे.''


(इनपुट आईएएनएस के साथ)