बिहार में महागठबंधन दलों के बीच सियासी संग्राम, सुधाकर और कुशवाहा के बयान ने बढ़ाई मुश्किल
RJD-JDU Politics in Bihar: बिहार में महागठबंधन की सरकार के गठन के बाद से एक तरफ तो विपक्षी दल भाजपा ही इस गठबंधन को लेकर बेमेल गठजोड़ बताकर हंगामा मचा रही है. वहीं महागठबंधन के दलों के बीच भी सबकुछ सामान्य चल रहा है ऐसा नजर नहीं आता.
पटना : RJD-JDU Politics in Bihar: बिहार में महागठबंधन की सरकार के गठन के बाद से एक तरफ तो विपक्षी दल भाजपा ही इस गठबंधन को लेकर बेमेल गठजोड़ बताकर हंगामा मचा रही है. वहीं महागठबंधन के दलों के बीच भी सबकुछ सामान्य चल रहा है ऐसा नजर नहीं आता. खासकर राजद और जदयू के नेताओं के जुबानी जंग ने तो सियासी पारा ही गरम कर रखा है. बता दें कि महागठबंधन में जदयू, हम, कांग्रेस और राजद समेत कई दल शामिल हैं, वहीं सरकार जदयू प्रमुख नीतीश कुमार चला रहे हैं और राजद नेता तेजस्वी यादव इसमें डिप्टी सीएम के तौर पर काम कर रहे हैं. इस सब के बीच दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर बयानों के जरिए हमला करने से भी नहीं चूकते हैं.
बता दें कि तेजस्वी यादव की पार्टी के विधायक और सरकार के पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह और जदयू नेता और पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बीच इन दिनों जुबानी जंग इतनी तेज हो गई है कि इसनें बिहार की सियासत का तापमान बढ़ा दिया है. सुधाकर सिंह लगातार सीएम नीतीश कुमार व बिहार सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. उनके इस रवैये के कारण सरकार में विरोधी सुर उठ रहे हैं और जदयू-राजद में तनातानी साफ दिख रही है.राजद के विधायक सुधाकर सिंह ने सीएम नीतीश को शिखंडी और नाइट वॉचमैन बता दिया. इसी बयान पर उपेंद्र कुशवाहा ने सुधाकर सिंह और तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लेते हुए खूब खरी खोटी सुनाई और तेजस्वी से अपने विधायक के बयानों पर रोक लगाने के लिए कहा. जदयू पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सुधाकर सिंह के बयान को लेकर तेजस्वी यादव को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे बयानों पर जितनी जल्दी रोक लगे उतना अच्छा होगा. गठबंधन के लिए और शायद आपके लिए भी. कुशवाहा ने कड़े शब्दों में नसीहत देते हुए तेजस्वी के लिए एक बड़ी फेसबुक पोस्ट लिखी. उन्होंने लिखा 'तेजस्वी यादव जी, जरा गौर से देखिए-सुनिए अपने एक माननीय विधायक के बयान को और उन्हें बताइए कि राजनीति में भाषाई मर्यादा की बड़ी अहमियत होती है. वे उस शख्सियत को 'शिखंडी' कह रहे हैं, जिन्होंने बिहार को उस खौफनाक मंजर से मुक्ति दिलाने की 'मर्दानगी' दिखाई थी, वह भी तब जब उसके खिलाफ कुछ भी बोलने के पहले लोग दाएं-बाएं झांक लेते थे. ऐसे बयानों से प्रदेश की लाखों-करोड़ों जनता एवं वर्तमान जदयू और तत्कालीन समता पार्टी के उन हजारों कार्यकर्ताओं की भावना को चोट पहुंचती है, जिन्होंने उस दौर में नीतीश कुमार का साथ-सहयोग दिया, कुर्बानी दी.