Rudraksh & Tulsi Mala: आपको बता दें कि हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को जितना पवित्र माना गया है उतना ही पवित्र तुलसी की माला भी है. एक तरफ जहां रुद्राक्ष भगवान औघड़दानी भोलेनाथ यानी शिव को बेहद पसंद है वहीं दूसरी तरफ तुलसी माला लक्ष्मी, भगवान श्री हरिनारायण विष्णु या कहें तो मुरलीधर श्रीकृष्ण को अतिप्रिय है. बता दें कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव यानी रुद्र के अक्ष यानी आंसुओं से हुई है. ऐसे में यह बेहद प्रभावशाली माना गया है. ऐसे में इसको लेकर लगातार लोगों के बीच मतांतर रहा है कि रुद्राक्ष और तुलसी की माला को एक साथ धारण करना चाहिए या नहीं. 


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कथावाचक और संत आचार्य कौशिक जी महाराज की मानें तो कहीं भी दोनों मालाओं को एक साथ धारण करना निषेध नहीं माना गया है. 


वहीं कथावाचक और संत राजेंद्र दास जी महाराज भी एक कथा के माध्यम से बताते हैं कि रुद्राक्ष और तुलसी की माला को एक साथ धारण किया जा सकता है. आप इन दोनों वीडियो को देखेंगे तो आपको काफी चीजें स्पष्ट हो जाएंगी. 


हालांकि तुलसी और रुद्राक्ष दोनों के बारे में कहा जाता है कि दोनों से अलग-अलग तरह की ऊर्जा निकलती है. जहां तुलसी की माला से यूनी डायमेंशनल उर्जा यानी एकीकृत ऊर्जा का संचार होता है जो एक क्षेत्र में ही आदमी को आगे बढ़ाकर शिखर तक ले जाता है. वहीं रुद्राक्ष से  'मल्टी डाईमेंशनल' यानी अनेकीकृत ऊर्जा प्रवाहित होती है जो कई क्षेत्रों में एक साथ काम करती है. ऐसे में दोनों को एक साथ धारण करने से पहले विद्वान, सिद्ध पुरुषों और ज्योतिषियों से सलाह लेने को कहा जाता है.