Sawan 2023: सावन में महिलाएं क्यों पहनती हैं हरी चूड़ियां, जानें इसका महत्व
Sawan 2023 Green Bangles Importance: सावन का महीने का आज पहला सोमवारी है. ऐसे में आज के दिन देश के हर मंदिरों और शिवालयों में सावन महीने के आम दिनों की अपेक्षा शिव भक्तों की ज्यादा भीड़ लगी होती है. बता दें कि इस बार सावन 59 दिनों का रहने वाला है.
पटना:Sawan 2023 Green Bangles Importance: सावन का महीने का आज पहला सोमवारी है. ऐसे में आज के दिन देश के हर मंदिरों और शिवालयों में सावन महीने के आम दिनों की अपेक्षा शिव भक्तों की ज्यादा भीड़ लगी होती है. बता दें कि इस बार सावन 59 दिनों का रहने वाला है. बता दें कि हिंदू धर्म में सावन महीने को केवल पूजा-पाठ और व्रत के लिए ही नहीं बल्कि महिलाओं के श्रृंगार के लिए भी खास माना गया है. महिलाएं इस महीने मेहंदी लगाती हैं, झूला झूलती है, श्रृंगार करती हैं और हरी-हरी चूड़ियां पहनती हैं. ऐसे में आज हम आपको सावन में हरे रंग और हरी चूड़ियों का महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं.
सावन में हरे रंग का महत्व
सावन का महीना शुरू होते ही हमारे चारों तरफ हरियाली नजर आने लगती है. हल्की-हल्की बारिश होने से मौसम और भी सुहाना हो जाता है. महिलाओं के लिए इस महीने खास पर्व हरियाली तीज भी होता है. लेकिन हरे रंग और सावन का आपस में गहरा है. इसका कारण यह है कि इस महीने बारिश का मौसम रहता है. भीषण गर्मी के बाद जब बारिश होती है तो चारों तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आती है और हरे रंग को प्रकृति का रंग भी माना गया है.
प्रकृति और शिव का संबंध
भोलेनाथ और प्रकृति के बीच गहरा संबंध है. क्योंकि शंकर भगवान ऐसे देव हैं, जिन्हें प्रकृति से जुड़ी चीजें बहुत प्रिय है. भोलेनाथ का वास भी प्रकृति की गोद हिमालय में है. वहीं उनकी पूजा में धतूरा, बेलपत्र, भांग जैसी चीजें अर्पित की जाती है, जोकि हरे रंग की होती है. इसलिए हरे रंग का सावन महीने में विशेष महत्व है.
महिलाएं क्यों पहनती है हरे रंग की चूड़ियां
सावन महीने में महिलाएं हप दिन शंकर भगवान की पूजा करती हैं. इस दौरान वो अपने हाथों में हरे रंग की चूड़ी पहनी रहती हैं. हरे रंग को सुहाग का प्रतीक माना गया है. ऐसा माना गया है कि, सावन महीने में हरे रंग की चूड़ी पहनने से भगवान शिव और माता पार्वती खुश होकर आशीर्वाद देते हैं. इसलिए सावन महीने में हरे रंग की चूड़ियों का अधिक प्रयोग किया जाता है.