पटना:Sawan Purnima 2023 Date: सनातन धर्म में पूर्णिमा के दिन का खास महत्व है. वहीं सावन मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को श्रावण पूर्णिमा कहा जाता है. इस बात श्रावण पूर्णिमा का व्रत 30 अगस्त 2023 को पड़ने वाला है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है. साथ ही इसी दिन पूरे देश में रक्षाबंधन का त्योहार भी मनाया जाता है. वहीं कई लोग इस दिन अपने-अपने घरों में सत्यनरायण भगवान की पूजा भी करते हैं और व्रत भी रखते हैं. धार्मिक मान्याताओं के अनुसार, सत्यनरायण भगवान की कथा इस दिन सुनना और पढ़ना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन सत्यनरायण भगवान की पूजा करने से इंसान के सारे कष्ट और दुख खत्म हो जातें हैं.


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हिंदू पंचांग के अनुसार, चंद्रवर्ष के हर महीने का नामकरण उस महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा की स्थिति के आधार पर तय किया गया है. ज्योतिष शास्त्र में कुल 27 नक्षत्र माने जाते हैं. सावन महीना इन्हीं में से एक है. सावन महीने की पूर्णिमा का दिन काफी शुभ और पवित्र माना गया है. इस दिन जो पूजा की जाती है उससे भगवान शिव बहुत ही प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को वो पूरा करते हैं.


श्रावण पूर्णिमा व्रत, तिथी और शुभ मुहुर्त( Shrawan Shubh Muhurat)


- श्रावण पूर्णिमा का व्रत 30 अगस्त 2023 को है.


- श्रावण पूर्णिमा तिथि 2023, 30 अगस्त की सुबह 10:58 मिनट से शुरू होने वाली है.


-श्रावण पूर्णिमा तिथि 2023 समाप्ति: अगले दिन 31 अगस्त की सुबह 7:05 मिनट बजे श्रावण पूर्णिमा समाप्त हो जाएगी.


श्रावण पूर्णिमा पूजा विधि (Sawan Purnima Puja Vidhi)


- सावन पूर्णिमा के दिन सबसे पहले सुबह के समय स्नान करके साफ वस्त्र धारण कर लें. इस दिन स्नान करने के बाद गाय को चारा डालना, चीटियों, मछलियों को दाना डालना शुभ होता है.


-इसके बाद एक चौकी को गंगाजल छिड़ककर साफ कर लें और उस पर भगवान सत्यनारायण की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें. मूर्ति स्थापित करके उन्हें पीले रंग के वस्त्र, पीले फल, पीले रंग के पुष्प अर्पित करें और फिर सच्चे मन से उनकी पूजा करें.


-इसके बाद भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें या पढ़ें. कथा खत्म होने के बाद भगवान को चरणामृत और पंजीरी का भोग लगाएं. फिर इस प्रसाद को स्वयं करें ग्रहण करें और लोगों में बांटे.


-मान्यता है कि श्रावण पूर्णिमा व्रत का अगर पूरे विधि विधान से पालन किया जाए तो साल भर वैदिक काम ना करने की भूल भी माफ हो जाती है.


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