Vishnu Purana: विष्णु पुराण हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है जो सदियों से व्यक्ति के जीवन की समस्त समस्याओं का हल प्रदान करता रहा है. इसमें जीवन को सुखी और सफल बनाने के रहस्य समाहित हैं और हिंदू धर्म में पुराण का अर्थ पुरातन से होता है. प्राचीन ग्रंथों में वाल्मीकि रामायण, महाभारत और 18 पुराणों की चर्चा होती है, जिनमें से एक विष्णु पुराण है.


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विष्णु पुराण का अनुसंधान करने पर पाया जाता है कि यह सबसे छोटा पुराण है. इसमें सात हजार श्लोक और छह अध्याय हैं, जिसकी रचना महर्षि पराशर ऋषि ने की थी. इस पुराण में श्रीहरि और उनके भक्तों के साथ जुड़ी रोचक कथाएं हैं, साथ ही इसमें श्रीहरि के अवतार श्रीकृष्ण चरित्र और राम कथा का भी विवरण है. इस पुराण के अंत में प्रलय और मोक्ष के विषय में भी चर्चा है.


विष्णु पुराण में सफल जीवन के लिए कई महत्वपूर्ण सिख हैं. इसमें सोना और जागना को सही समय पर करने की महत्वपूर्णता का वर्णन है, क्योंकि इसका असर स्वास्थ्य पर होता है. व्यायाम करने की भी महत्वपूर्ण बातें हैं और विष्णु पुराण कहता है कि संतुलित रूप से व्यायाम करना जरुरी है.


गरीबों को सताने और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहने की बातें भी इस पुराण में मिलती हैं. यह सिखाता है कि सभी को सम्मान देना चाहिए और दूसरों की मदद करना उत्तम कर्म है. संभोग को लेकर भी यहां बातें हैं, जिसमें संतुलित और सावधानीपूर्ण दृष्टिकोण की जरुरत है. विष्णु पुराण के उपदेशों से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन को सफल बनाने के लिए सही समय पर सही कार्य करना, स्वास्थ्य का ध्यान रखना, दूसरों के प्रति उदार भाव बनाए रखना और नैतिकता का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है. इस प्राचीन ग्रंथ से हम अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन करने के लिए प्रेरणा ले सकते हैं.


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