पटनाः बिहार के विश्वविद्यालयों में सेशन लेट यानी समय से परीक्षा न होना और तय समय सीमा अवधि पर कोर्स पूरा न हो पाना, ये सब कुछ सामान्य हो चला है. ऐसे में छात्रों का भविष्य अधर में होता है और समय से विश्वविद्यालय की डिग्री न मिल पाने से छात्रों को कई मुश्किल स्थितियों का सामना करना पड़ता है. मंगलवार को राजभवन के सामने छात्रों ने इसको लेकर प्रदर्शन भी किया, शिक्षा मंत्री ने छात्रों की मांग को जायज ठहराते हुए बैठक कर इस समस्या को दूर करने का आश्वासन दिया. वहीं बीजेपी इसकी वजह राज्य सरकार और राजभवन के सामंजस्य में कमी बता रही है, तो आरजेडी छात्र हित की अनदेखी पर सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है. 


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मंगलवार को छात्रों ने किया प्रदर्शन
बिहार के छात्र विश्वविद्यालय और कॉलेज की डिग्री कितने समय में ले पाएंगे यह कोई नहीं बता सकता, तीन वर्ष के स्नातक की डिग्री हो या दो वर्ष के मास्टर की डिग्री या कोई अन्य पाठ्यक्रम सर्शन लेट जैसे यहाँ की नियति बन गयी है और ऐसे में छात्रों के हित के साथ यहाँ खिलवाड़ हो रहा है, मंगलवार को छात्र समय पर परीक्षा की मांग को लेकर राजभवन मार्च किया और जमकर प्रदर्शन किया, छात्रों की मांग से राज्य के शिक्षा मंत्री भी इत्तेफाक रखते हैं और इनकी मांग को जायजा ठहरा रहे हैं.


वर्षों से नहीं निकल पाया समस्या का समाधान
शिक्षा मंत्री बैठक कर इस समस्या के समाधान की बात कर रहे हैं, लेकिन वर्षो से इस समस्या का समाधान नहीं निकला है, सरकार में सहभागी बीजेपी इसका कारण राजभवन और राज्य सरकार के बीच सामंजस्य की कमी मानती है. आरजेडी सेशन लेट को गंभीर मुद्दा बताते हुए इसके लिए राजभवन और राज्य सरकार को भी दोषी मानती है, आरजेडी नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री वृषण पटेल का कहना है कि राज्य सरकार की जबाबदेही बनती है समय से परीक्षा सञ्चालन करवाना, पैसा सरकार इससे बच नहीं सकती. 


शिक्षा मंत्री ने कहा कि सेशन लेट को दुरुस्त करने के लिए बैठक गयी है. साथ ही कोरोना संक्रमण में भी समस्या आयी लेकिन विश्वविद्यालयों का यह रोग कोरोना काल के पहले से है और कोरोना संक्रमण में तो देश के सभी विश्वविद्यालय फंसे, लेकिन जिनकी इक्ष्छा शक्ति ठीक है वहा कोरोना का कोई भी प्रभाव सेशन लेट पर नहीं पड़ा, लेकिन बिहार में सेशन लेट के लिए कई बहाने हैं और छात्र इस समस्या से जूझने को अभिशप्त है.