Shani Sade Sati upay: किसी भी जातक के जीवन में शनि की साढेसाती 2 से तीन बार आ सकती है. ऐसे में आपको बता दें कि शनि सबसे धीमे चलने वाला ग्रह है और इसे पूरे 19 साल लगते हैं एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में. आपको बता दें शनि को ज्योतिष के अनुसार क्रूर ग्रह भी कहा गया है. वहीं वैदिक ज्योतिष की मानें तो शनि को कर्मफल दाता या फिर न्याय का देवता कहा गया है. ऐसे में शनि को किसी भी जातक की कुंडली में विशेष स्थान प्राप्त होता है. 


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साल 2023 की बात करें तो तीन राशियां अभी शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव में हैं. यह काफी कष्टदायी समय माना गया है. ऐसे में कुछ काम हैं जो उन जातकों को कभी भूलकर भी नहीं करना चाहिए जिनपर शनि की साढ़ेसाती चल रही हो. शनि जिस भी राशि में विराजमान होता है उसके एक आगे और एक पीछे वाली राशि को भी इसकी साढ़ेसाती का प्रभाव झेलना पड़ता है. 


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इस साल शनि कुंभ राशि में विराजमान है. ऐसे में कुंभ के साथ मीन राशि और मकर राशि के जातकों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है. आपको बता दें कि मीन राशि में शनि की साढ़ेसाती का पहला, कुंभ राशि में दूसरा और मकर राशि में तीसरा चरण चल रहा है. ऐसे में यह समय मीन और कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती की वजह से काफी भारी है. 


साढ़ेसाती के दौरान जातकों को तमाम तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है जिसमें शारीरिक, आर्थिक और मानसिक कष्ट हो सकते हैं. इस समय दुर्घटना का भी खतरा प्रबल रहता है. इस दौरान जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती चल रही है उन्हें बेवजह के वाद-विवाद से बचना चाहिए. 


 लोहे का सामान, तेल, काले कपड़े, चमड़े आदि की खरीदारी ऐसे जातकों को शनिवार या मंगलवार को नहीं करना चाहिए.इस दौरान नशे का सेवन करने से भी बचना चाहिए. साथ ही अपने से नीचे के कर्मचारियों की सेवा करनी चाहिए और उन्हें कभी परेशान नहीं करना चाहिए.