पटना: Short Film Poonam: भारत में युवाओं की संख्या अधिक है लेकिन समय के साथ सभी युवाओं की उम्र भी बढ़ने लगी है और इस वजह से एक बार फिर हमारा देश उस दिशा में बढ़ रहा है, जहां आने वाले वक्त में बुजुर्गों की संख्या अधिक होगी.


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सीनियर सिटीजन पर आधारित फिल्म
हालांकि, आज के वक्त में बच्चे अपने माता-पिता को या तो आश्रम में छोड़ आते हैं या फिर खुद भारत से बाहर जाकर बस जाते हैं और पेरेंट्स को भूल जाते हैं, ऐसे में वो बिल्कुल अकेले पड़ जाते हैं.


मीता वशिष्ट और रजित कपूर का अहम किरदार
'पूनम' शॉर्ट फिल्म इसी विषय के बारे में बात करती है. यह एक 15 मिनट की शोर्ट फिल्म है जिसमें मीता वशिष्ट और रजित कपूर ने अहम किरदार निभाया है. पूनम की कहानी दो किरदार- सूरज और पूनम पर आधारित है जो अपनी सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी को पूरा करते वक्त एक-दूसर से अलग हो जाते हैं और फिर अचानक एक दिन दोनों की वापस मुलाकात होती है. 


इस फिल्म के जरिए अकेले रह गए बुजुर्गों के बीच अकेलापन दिखाया गया है. फिल्म में दिखाया गया है कि साइकोलॉजिकल हेल्थ भी उतनी ही जरूरी है जितनी की फिजिकल हेल्थ और उम्र बीतते जाने पर लोगों को लगने लगता है कि अब उनकी अहमियत भी खत्म होती जा रही है. 


बता दें कि फिल्म को करिस्टा फाउंडेशन द्वारा बनाया गया है और संजय सानवाल ने डायरेक्ट किया है. फिल्म को शिल्पी दास चौहान ने प्रोड्यूस किया है, जो शिल्पी वॉइस एंड विजुअल्स की फाउंडर हैं.