सीवानः सावन का पहला सोमवार सीवान के एक प्रसिद्ध शिवमंदिर में लोगों के लिए काल बन गया. जिले के बाबा महेंद्र नाथ धाम मंदिर में भक्तों की भीड़ के बीच भगदड़ मच गई. इस हादसे में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई. कई  श्रद्धालुओं के घायल होने की भी खबर है. ऐतिहासिक महेंद्रनाथ मंदिर में प्रवेश के दौरान भगदड़ मच गई. भगदड़ के दौरान दो महिलाओं की मौत हुई है, जबकि एक युवक मौत तालाब में डूबने से हो गई. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

देर रात से प्रवेश के लिए खड़े थे श्रद्धालु
जानकारी के मुताबिक, भोलेनाथ को जल चढ़ाने के लिए सिसवन प्रखंड स्थित प्रसिद्ध बाबा महेंद्रनाथ धाम मंदिर में श्रद्धालु उमड़े थे. श्रद्धालुओं की भीड़ देर रात से मंदिर में जलाभिषेक के लिए प्रवेश द्वार पर खड़ी थी. मंदिर का फाटक खुलते ही प्रवेश करने को लेकर भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ मच गई. लोग इधर-उधर भागने लगे. इसी दौरान भीड़ में कई लोग दब गए. जिसके बाद घायलों को पुलिस जीप में लादकर सिसवन रेफरल अस्पताल पहुंचाया गया. यहां गंभीर स्थिति को देखते हुए घायलों को सीवान सदर अस्पताल भेज दिया गया. इलाज के क्रम में दो महिलाओं की मौत हो गई. 


घंटों बाद तालाब से बरामद हुआ युवक का शव
बताया गया कि घटना के घंटो बाद एक युवक का शव तालाब से बरामद किया गया. बताया जा रहा है कि भगदड़ के दौरान तालाब में युवक की डूबकर मौत हो गई थी. घटना के बाद से परिजनों में मातम छाया हुआ है. हादसे को लेकर लोगों में प्रशासन के खराब इंतजाम को लेकर भारी आक्रोश है. समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने से भी लोगों में काफी गुस्सा है. इस हादसे में मरे लोगों के लिए पूर्व नगर सभापति बबलू साह के द्वारा 2 मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए भी प्रार्थना की गई.


मृतकों में एक युवक यूपी का
भगदड़ में मरने वालों की पहचान उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के सुंदरपुर के रहने वाले दुर्गेश प्रसाद के 20 वर्षीय पुत्र निकेश प्रसाद, जीरादेई थाना क्षेत्र के पथार गांव निवासी दिलीप बैठा की 50 वर्षीय पत्नी सोहागमति देवी, हुसैनगंज थाना क्षेत्र के प्रतापपुर गांव निवासी मुस्ताक चौधरी की 55 वर्षीय पत्नी लीलावती देवी के रूप में हुई है. इस घटना को लेकर एसडीएम रामबाबू बैठा ने कहा की घटना कैसे हुई ये जांच का विषय है, अभी हालत नियंत्रण में हैं. 


हादसे के बाद तैनात हुआ पुलिस बल
श्रद्धालु शांति से जलाभिषेक कर रहे हैं. हादसे के बाद मंदिर में भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती कर दी गई है, जो श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित कर रही है. फिलहाल मंदिर में हालात सामान्य हैं. सवाल उठता है कि जब इस धाम पर सावन में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने को पहुंचते हैं, तो आखिर क्यों एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं रखी गई थी. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पूरी तैयारी क्यों नही की गई थी. क्या जिला प्रशासन के द्वारा सिर्फ खानापूर्ति की गई.जिस वजह से इतना बड़ा हादसा हो गया और लोगों की जान चली गई. आखिर इस हादसे और मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा.


यह भी पढ़िएः मुंगेरः बस और कांवरियों के वाहन की जोरदार टक्कर, तीन गंभीर रूप से घायल