छात्र संगठन नेता दिलीप कुमार ने अपनी मांगों को लेकर बीएससी को सौंपा ज्ञापन
छात्र नेता दिलीप कुमार का कहना है कि बीएसएससी में कई ऐसे कर्मचारी हैं जो कदाचार में लिप्त हैं और शिकायतों के बावजूद भी उन पर कार्रवाई नहीं हुई है. धांधली के जरिए लोगों की नौकरी हो जाती है लिहाजा उनकी मांग है.
पटना : बिहार कर्मचारी चयन आयोग आने वाले समय में कई सारी परीक्षाओं को संचालित करवाने वाला है. जिसमें सचिवालय सहायक से लेकर अन्य विभागों की नौकरियां शामिल हैं, लेकिन कई दफे बिहार कर्मचारी चयन आयोग के कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठे हैं. लिहाजा छात्र संगठन से जुड़े नेता दिलीप कुमार ने आज अपनी टीम के साथ बीएससी को अपनी 7 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा है.
छात्र संगठन की क्या है मांग
दरअसल, छात्र नेता दिलीप कुमार का कहना है कि बीएसएससी में कई ऐसे कर्मचारी हैं जो कदाचार में लिप्त हैं और शिकायतों के बावजूद भी उन पर कार्रवाई नहीं हुई है. धांधली के जरिए लोगों की नौकरी हो जाती है लिहाजा उनकी मांग है कि इस पर जो भी परीक्षाएं बिहार कर्मचारी चयन आयोग संपन्न कराएं उसमें सीसीटीवी कैमरे से निगरानी परीक्षा केंद्रों पर वीडियोग्राफी की व्यवस्था आदि हो. इसके अलावा अगर बात करें तो परीक्षा हॉल में जैमर और अन्य सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग किया जाए ताकि बीएसएससी की साख बनी रहे और धांधली करके कोई नौकरी प्राप्त ना कर सकें. छात्र नेता का यह भी कहना है कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं हुआ तो फिर वह सड़कों पर आंदोलन करने के लिए विवश होंगे.
30 नवंबर है आवेदन की अंतिम तारीख
बता दें कि एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर है. चयन कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीई) पर आधारित है जो केवल अंग्रेजी और हिंदी में आयोजित किया जाएगा. शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) / शारीरिक मानक परीक्षण (पीएसटी) / विस्तृत चिकित्सा परीक्षा (डीएमई) / समीक्षा चिकित्सा परीक्षा (आरएमई) सीएपीएफ द्वारा निर्धारित और आयोजित की जाएगी. यह भर्ती अभियान 24,369 रिक्तियों को भरेगा. इस भर्ती में सफलतापूर्वक चुने जाने वाले अभ्यर्थियों को हजारों रुपये की प्रतिमाह तनख्वाह मिलती है.
इनपुट- रीतेश