Patna: उच्चतम न्यायालय उस जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा जिसमें बिहार की राजधानी पटना में 13 जुलाई को नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ विरोध मार्च में हिस्सा लेने के दौरान भाजपा के एक नेता की मौत की एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) से या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का आग्रह किया गया है. 


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शीर्ष अदालत की वेबसाइट के अनुसार, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ वकील बरुण कुमार सिन्हा के माध्यम से दायर जनहित याचिका पर 25 जुलाई को सुनवाई करेगी. जहानाबाद जिले के पार्टी नेता विजय सिंह की विधानसभा मार्च में भाग लेने के दौरान मृत्यु हो गई थी. 


 



पार्टी नेताओं ने दावा किया कि पुलिस के क्रूर लाठीचार्ज में उनकी मृत्यु हुई है जबकि पटना में जिला प्रशासन ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा कि उनके शव पर चोट का कोई निशान नहीं मिला है. बिहार निवासी भूपेश नारायण द्वारा शीर्ष अदालत में याचिका दायर की गई है जिसमें भाजपा द्वारा आयोजित शांतिपूर्ण मार्च के दौरान हुई घटना के कथित रूप से असली अपराधियों को बचाने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राज्य के पुलिस प्रमुख सहित अन्य अधिकारियों की भूमिका की जांच करने की भी मांग की गई है.


प्रशासन ने अपने बयान में कही थी ये बात 


जिला प्रशासन ने बृहस्पतिवार रात एक बयान जारी कर कहा, 'सिंह की मौत की सटीक वजह का पता लगाने के लिए संस्थान की ओर से मेडिकल बोर्ड गठित किया गया था.विस्तृत विश्लेषण के बाद बोर्ड ने निष्कर्ष निकाला कि मौत दिल की बीमारी और उससे संबंधित अन्य जटिलताएं के कारण हुई थी.’’ 


बयान में यह भी कहा गया है कि सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है कि सिंह दोपहर एक बजकर 22 मिनट से एक बजकर 27 मिनट के बीच छज्जू बाग इलाके में बेहोश हुए, जबकि लाठीचार्ज डाक बंगला क्रॉसिंग इलाके में हुआ.भाजपा ने मामले की उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच की मांग की है.


(इनपुट भाषा के साथ)