पटना: Surgical Strike Day: 28 सितंबर 2016 की रात जब पूरा देश चैन की नींद सो रहा था, तब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ शीर्ष नेता नए भारत की पटकथा लिख रहे थे. प्रधानमंत्री कार्यालय में गहमागहमी अपने शीर्ष पर था क्योंकि भारतीय सेना के जवान पाकिस्तान की सीमा के अंदर घुसकर आतंकी कैंपों को खत्म करके अपने देश वापस आ चुके थे. 29 सितंबर को सूरज उगने के साथ ही पूरी दुनिया ने ये जान लिया था कि नए भारत का सूर्योदय हो चुका है यह नया भारत न झुकेगा और न ही रुकेगा.


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भारत के इतिहास में ये ऐतिहासिक दिन सर्जिकल स्ट्राइक डे के रूप में जाना जाता है. आज भारत के उस अदम्य साहस की हम छठी वर्षगांठ मना रहा है. तो आइए जानते हैं उस रात क्या हुआ था.....


उरी में भारतीय सेना पर हमला
सर्जिकल की पूरी पटकथा तो 18 सितंबर 2016 को ही लिख दी गई थी. जब पाकिस्तान से आए आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के शिविर पर हमला कर दिया था. इस घातक हमले में भारत के 18 वीर जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल था. लोग पाकिस्तान से बदलना लेने के लिए बेचैन हुए जा रहे थे. तब पीएम मोदी ने कहा था कि हमारे देश में घुस कर हमला करने वाले बेखौफ नहीं जाएंगे और उन्हें माफ नहीं किया जाएगा. 18 जवानों का बलिदान ऐसे ही व्यर्थ नहीं जाएगा. हमले की प्रतिक्रिया में 28-29 सितंबर की रात आतंकवादी समूहों के खिलाफ जवाबी हमले किए गए थे.


उरी हमले के बाद
भारत ने उरी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने की योजना बनाई और पहली बार लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पार करके आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिया गया. भारतीय सेना के विशेष बलों के 150 कमांडोज की मदद से 28-29 सितंबर की रात सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. भारतीय सेना के जवान आधी रात को पीओके में 3 किलोमीटर अंदर घुसे और आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. 


खास हथियार का हुआ इस्तेमाल
28 सितंबर की आधी रात 12 बजे 150 कमांडो को MI 17 हेलिकॉप्टरों के जरिए एलओसी के पास उतारा गया. यहां से 4 और 9 पैरा के 25 कमांडो ने एलओसी पार करके और पाक अधिकृत कश्मीर में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया. सेना ने इस स्ट्राइक के लिए 24 सितंबर से ही अपनी तैयारी शुरू कर दी थी. स्पेशल कमांडोज को Tavor 21 और AK-47 असॉल्ट राइफल, रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड, शोल्डर-फाइबल मिसाइल, नाइट-विजन डिवाइस, उच्च विस्फोटक ग्रेनेड, हेकलर और कोच पिस्तौल और प्लास्टिक विस्फोटक से लैस किया गया था. 


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कमांडोज ने बिना कोई मौका गंवाए आतंकियों पर ग्रेनेड फेंकना शुरू कर दिया. अफरा-तफरी फैलते ही जवानों ने स्मोक ग्रेनेड के साथ ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना भी शुरू कर दिया. इस हमले में आतंकियों के साथ-साथ पाकिस्तानी सेना के कुछ जवान भी मारे गए. ये ऑपरेशन रात के साढ़े 12 बजे शुरू हुआ था, जो सुबह साढ़े 4 बजे तक चला था. पूरे अभियान पर दिल्ली में सेना मुख्यालय से नजर रखी गई थी.