Surya Grahan Sutak Kal Timing: सूतक काल क्या है, जानिए इसका अर्थ, महत्व और Timing
Surya Grahan Sutak Kal: सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों को विशेष रुप से करने की मनाही होती है तो कुछ कार्यों के लिए सर्वोत्तम समय होता है.
पटनाः Surya Grahan Sutak Kal Timing: हिंदू धर्म में ग्रहण के समय कुछ कार्यों को वर्जित माना गया है. क्योंकि सूतक या सूतक काल एक ऐसा अशुभ समय होता है, जिसमें कुछ विशेष कार्य करने की मनाही होती है. सामान्यत: ग्रहण लगने से कुछ घंटों पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण के समाप्त होने पर स्नान के बाद सूतक काल समाप्त होता है. बुजुर्ग, बच्चों और रोगियों पर ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या ना करें
सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों को विशेष रुप से करने की मनाही होती है तो कुछ कार्यों के लिए सर्वोत्तम समय होता है. यदि आप कोई सिद्धि प्राप्त करना चाहते हैं तो उसके लिए मंत्र जाप करने हेतु ग्रहण काल सर्वोत्तम माना गया है.
क्या होता है सूतक काल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे या 09 घंटे पूर्व प्रारंभ होता है. सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण समय से 12 घंटे पूर्व प्रारंभ हो जाता है, जबकि चंद्र ग्रहण में सूतक काल 09 घंटे पूर्व प्रारंभ होता है. सूतक काल को एक प्रकार से अशुभ समय मानते हैं, इसमें कोई भी मांगलिक शुभ कार्य नहीं करते हैं. ग्रहण के समापन के कुछ समय बाद सूतक काल का अंत होता है. जिस स्थान पर सूर्य ग्रहण दिखाई देता है, वहां पर सूतक काल मान्य होता है.
सूर्य ग्रहण 2022 समय
आज सूर्य ग्रहण का प्रारंभ शाम 04:28 बजे से होगा और इसका समापन शाम 05:30 बजे होगा. स्थान के आधार पर इसके प्रारंभ और समापन के समय में थोड़ा बहुत परिवर्तन संभव है. सूर्य ग्रहण 2022 का सूतक काल समय भी लंबा है. सूर्य ग्रहण का सूतक काल आज प्रात: 03:17 बजे लेकर शाम 05:42 बजे तक है.
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