Patna: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें 'भारत माता की जय' बोलना भी साम्प्रदायिक लगता है. उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान जिस 'वंदे मातरम' का जय घोष कर क्रांतिकारियों ने संघर्ष और उत्सर्ग की ऊर्जा पायी, उसके गायन को नीतीश कुमार ने वोट बैंक की राजनीति के दबाव में बंद करा दिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 



CM नीतीश पर बोला हमला


मोदी ने कहा कि संसद सत्र का शुभारम्भ राष्ट्रगान 'जन गण मन' से और समापन राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' से करने की परम्परा 1992 में कांग्रेस सरकार के समय से अब तक जारी है. उन्होंने कहा कि बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों में यह संसदीय परम्परा एनडीए सरकार के समय शुरू हुई, लेकिन भाजपा को धोखा देकर राजद के साथ जाते ही नीतीश कुमार ने समापन सत्र में 'वंदे मातरम' को बंद करा दिया.


वर्ग विशेष को खुश करने के लिए किया ये फैसला 


मोदी ने कहा कि बिहार के राज्य गीत पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह राष्ट्रगीत का स्थान नहीं ले सकता! उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने एक वर्ग विशेष को खुश कर सत्ता में आजीवन बने रहने की मंशा से राष्ट्र गीत का तिरस्कार किया.


मोदी ने कहा कि देश भक्ति को दलगत चुनावी राजनीति से ऊपर रखने की वजह से ही हमारे लिए वोट बैंक नहीं, राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत ,राष्ट्र ध्वज और देशहित सर्वोपरि है. यही प्रेरक शक्ति भाजपा को दूसरे दलों से भिन्न और विश्वसनीय बनाती है. उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार एक वर्ग के दुराग्रही दबाव में चाहे राष्ट्रगीत बंद करायें, चाहे राम भक्तों पर पत्थरबाजी करने वालों को बचाते रहें, लेकिन बिहार में अगली सरकार भाजपा की ही बनेगी.


(इनपुट भाषा के साथ)