Patna: कोरोना टीका की कमी की बात कहकर कई राज्य सरकार केंद्र पर निशाना साध रही है. इस बीच, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार ने हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल-ई को कोरोना वैक्सीन की 30 करोड़ डोज तैयार करने के लिए 1500 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान करेगी. 


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उन्होंने कहा कि इस टीके का परीक्षण तीसरे चरण में है. सुशील मोदी के अनुसार, नई वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिलने से पहले अग्रिम भुगतान करने के निर्णय से एक तरफ सरकार ने स्वदेशी कंपनी पर भरोसा जताया, तो वहीं दूसरी तरफ यह सुनिश्चित किया कि अगली लहर आने से पहले सबको टीका देने के लिए वैक्सीन की कमी नहीं पड़े.


साथ ही पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि जो कांग्रेस दूसरी लहर के समय कह रही थी कि वैक्सीन कंपनियों को पहले एडवांस देकर पर्याप्त डोज की व्यवस्था क्यों नहीं की गई. अब वही कांग्रेस पूछ रही है कि वैक्सीन का ट्रायल पूरा होने से पहले अग्रिम भुगतान क्यों किया जा रहा है? मोदी ने कहा कि सरकार हर हाल में दिसम्बर तक सबको टीके लगवाने का लक्ष्य पूरा करेगी. अब तक 22.10 करोड़ लोगों को मुफ्त टीके लग चुके हैं. 


एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि रूसी वैक्सीन स्पुतनिक के आयात करने और स्वदेशी टीके बनाने के लिए कच्चा माल देने के लिए अमेरिका को राजी करने तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना से लोगों का जीवन बचाने में पूरी ताकत लगा दी है. राज्यसभा सांसद ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्री जयशंकर को अमेरिका भेजा और वैक्सीन सहायता के मुद्दे पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से बात की.


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पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए 15,000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए देश भर में प्लांट लगाये जा रहे हैं. पहली लहर के समय 3100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी, जबकि दूसरी लहर में गंभीर रोगियों को बचाने के लिए 9000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की व्यवस्था करनी पड़ी. रेलवे ने पहली बार कई ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें चला कर तरल ऑक्सीजन की त्वरित आपूर्ति सुनिश्चित की.