Patna: शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा लेने योजना बनाई है और फरवरी के अंत से इसकी शुरुआत भी हो जाएगी. जो शिक्षक सक्षमता परीक्षा पास करेंगे, उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा और जो सक्षमता परीक्षा पास नहीं करेंगे उन्हें सेवा मुक्त कर दिया जाएगा. वहीं, शिक्षा विभाग की तरफ से कमेटी गठित की गई थी. जिस कमेटी ने यह अनुशंसा की है कि जो नियोजित शिक्षक तीन बार परीक्षा नहीं पास करते हैं, उन्हें सेवा मुक्त कर दिया जाएगा. इसको लेकर शिक्षक संघ ने नाराजगी जताई है.


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शिक्षक संघ ने इस पर ऐतराज जताया है और कहा है कि यह शिक्षकों के विरोध में लिया गया फैसला है. यह शिक्षा विभाग के तरफ से जो फैसला लिया गया है, उसके खिलाफ हम हाईकोर्ट जाएंगे. सरकार के द्वारा अलग-अलग तरीके का फरमान निकाल कर नियोजित शिक्षकों को प्रताड़ित किया जा रहा है. 


उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि शिक्षकों से मामूली परीक्षा ली जाएगी. इसके बावजूद बीएससी के पैटर्न के आधार पर शिक्षकों से ऑनलाइन परीक्षा ली जा रही है. यह कहां तक उचित है. इसके पहले जो नियमावली बनी थी, उसके आधार पर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया. नई नियमावली की तरह कई पुराने फैसले से अलग लिए गए हैं, जो शिक्षकों के हित में नहीं है.


शिक्षा विभाग न जारी किया था ये आदेश 


इससे पहले बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के एक आदेश से तहलका मचा हुआ है. दरअसल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने आदेश जारी किया है कि सभी नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करना अनिवार्य रहेगा. इसके लिए उन्हें तीन मौके मिलेंगे. अगर इन तीन मौकों में शिक्षक सफल नहीं होते हैं तो उनकी नौकरी चली जाएगी.