Patna: बिहार की प्रमुख विपक्षी दल राजद में अंतर्कलह कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. राजद नेता तेजप्रताप यादव का जगदानंद सिंह के खिलाफ दिए गए बयान के बाद पार्टी में गहमा-गहमी जारी है. वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह कई दिनों से दफ्तर भी नहीं आ रहे हैं.


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यही वजह है कि पार्टी में बड़े नेताओं के बढ़ रहे दवाब की वजह से तेजप्रताप इस बार कृष्ण व शिव के बाद अब भगवान बुद्ध की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं. इस खबर के सामने आने के बाद इस बात की चर्चा है कि तेजप्रताप यादव पार्टी में हो रहे हंगामे के बाद शांति की तलाश में हैं. ऐसा लगता है कि जगदानंद सिंह से टक्कर मोल लेना तेजप्रताप को भी भारी पड़ रहा है. उन्हें भाई तेजस्वी समेत दल के अन्य नेताओं के दवाब का सामना करना पड़ रहा है. 


तेजप्रताप यादव ने दिया था ये बयान
राजद नेता तेजप्रताप ने साथ ही कहा था कि राजद में किसी भी नेता के लिए कोई पद (कुर्सी) स्थायी नहीं होता. एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक, तेज प्रताप ने जानबूझकर जगदानंद सिंह के खिलाफ बयान दिया और शायद उन्हें पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद का समर्थन प्राप्त था.


जगदानंद सिंह पार्टी से नाराज 
दरअसल, बीते दिनों तेजप्रताप यादव ने जगदानंद सिंह को हिटलर बता दिया था. इसके बाद से ही जगदानंद पार्टी से नाराज चल रहे हैं. इस मामले में बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से शुक्रवार को जब पत्रकारों ने सवाल किया तो वह असहज नजर आये थे.


तेजस्वी ने जगदानंद सिंह वाले बयान पर दी प्रतिक्रिया
बता दें कि तेजस्वी शुक्रवार को पटना में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रधान कार्यालय में जाति आधारित जनगणना पर एक प्रेस मीट को संबोधित करने आए थे. जब पत्रकारों ने जगदानंद सिंह पर तेज प्रताप की हिटलर वाली टिप्पणी पर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही, तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर प्रेस मीट बुलाई गई थी. वह तुरंत अन्य नेताओं के साथ कार्यक्रम स्थल से चले गए.